अमरावती, 13 नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने राज्यों से विभिन्न प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं से हो रहे फायदों और अब तक हुई बचत के बारे में विवरण मांगा है। केंद्रीय मंत्रिडमंडलीय सचिवालय ने डीबीटी योजनाओं को दक्षिणी क्षेत्र परिषद की 29वीं बैठक के लिए प्राथमिकता सूची में रखा है। मंदिरों के शहर के रूप में मशहूर तिरुपति में 15 नवंबर को होने वाली इस बैठक में केंद्र के अलावा दक्षिणी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। दक्षिणी राज्यों में से कर्नाटक, केरल, तेलंगाना एवं लक्षद्वीप ने अभी तक मंत्रिमंडलीय सचिवालय को डीबीटी योजनाओं के फायदों के बारे में कोई ब्योरा नहीं भेजा है। वहीं पुडुचेरी ने इससे मामूली बचत होने की बात कही है। दक्षिणी क्षेत्र परिषद की बैठक के लिए निर्धारित एजेंडे के मुताबिक, कर्नाटक और तेलंगाना ने अपने डीबीटी पोर्टलों को डीबीटी भारत से संबद्ध नहीं किया है जबकि इसके लिए केंद्र की तरफ से कई बार कहा जा चुका है। एजेंडा नोट के मुताबिक, लाभार्थियों के खातों में सीधे राशि जमा करने की डीबीटी योजनाओं में अब भी कुछ फर्जी लाभार्थी मौजूद हैं, जिन्हें हटाना जरूरी है। फर्जी खातों को हटाने के बाद इससे होने वाली बचत की योजनागत गणना की जाएगी।