नयी दिल्ली 24 जून (भाषा) आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुरेंद्र कुमार बागड़े ने बृहस्पतिवार को कहा कि देशभर में पर्यावरण के अनुकूल हरित इमारतों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए जिससे लोगों को यह पता लग सके कि सामान्य तरीके से इमारत बनाने के पारंपरिक तरीके और पर्यावरण संरक्षण का पालन करते हुये हरित इमारतों की निर्माण लागत में ज्यादा फर्क नहीं हैं। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने ‘हरित इमारतों के निर्माण को बढ़ाने में भारत की नेतृत्व भूमिका’ को लेकर एक वेबिनार का आयोजन किया। बागड़े ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि टियर II और टियर III शहरों में भी हरित इमारत निर्माण धारणा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।नारेडको द्वारा जारी एक बयान के अनुसार बागड़े ने कहा कि डेवलपरों को हरित इमारतों के निर्माण में मदद करने के लिए सभी आवश्यक कानून और विनियम मौजूद हैं।बयान में कहा गया, ‘‘हरित इमारतों की निर्माण लागत सामान्य तौर-तरीके से थोड़ी अधिक है। लेकिन हरित इमारतों का निर्माण करना ज्यादा अच्छा है। भारत हरित इमारतों के निर्माण के मामले में चीन और कनाडा के बाद वैश्विक स्तर पर तीसरे नंबर पर है और वर्ष 2022 तक पहले स्थान पर भी पहुंच सकता है।’’नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार ने शहरों में अधिक से अधिक हरियाली पर जोर देते हुए कहा, ‘‘कई शहरों में यह हालांकि संभव नहीं हो सकता, लेकिन जितना अधिक हम इस दिशा में आगे जाते हैं, उतनी ही अधिक संभावना है कि हम हरियाली बढ़ा सके।’’