नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इंजीनियरिंग, रत्न एवं आभूषण तथा पेट्रोलियम उत्पाद जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात जून में 47.34 बढ़कर 32.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं व्यापार घाटा माह के दौरान 9.4 अरब डॉलर रहा। पिछले साल जून में निर्यात 22 अरब डॉलर और जून 2019 में 25 अरब डॉलर रहा था। मई 2021 में निर्यात 32.27 अरब डॉलर जबकि अप्रैल में 31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जून 2021 में आयात 96.33 प्रतिशत बढ़कर 41.86 अरब डॉलर रहा जो पिछले साल जून में 21.32 अरब डॉलर था। जून 2019 में आयात 41 अरब डॉलर था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अत: भारत जून 2021 में शुद्ध आयातक रहा और व्यापार घाटा 9.4 अरब डॉलर रहा। यह जून 2020 (वहीं, जून 2020 में भारत शुद्ध निर्यातक था) के 0.71 अरब डॉलर के व्यापार अधिशेष के मुकाबले 1,426.6 प्रतिशत अधिक है। वहीं जून 2019 के 16 अरब डॉलर के व्यापार घाटा के मुकाबले 41.26 प्रतिशत कम है।’’ इस साल अप्रैल-जून के दौरान निर्यात उछलकर 95.36 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 51.44 अरब डॉलर था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘देश के इतिहास में इस साल अप्रैल-जून तिमाही में वस्तुओं का निर्यात किसी तिमाही में अब तक का सर्वाधिक है।’’ उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में वस्तुओं का निर्यात 82 अरब डॉलर था। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में निर्यात 90 अरब डॉलर रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने के लिये सभी संबद्ध पक्षों के साथ मिलकर काम करेगा। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में आयात 126.14 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 60.65 प्रतिशत अधिक है। इस साल जून में तेल आयात बढ़कर 10.68 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले जून 2020 में 4.97 अरब डॉलर था। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘अप्रैल-जून तिमाही के दौरान तेल आयात 31 अरब डॉलर रहा। यह अप्रैल-जून 2020 में 13.12 अरब डॉलर के मुकाबले 136.36 प्रतिशत अधिक है। वहीं 2019 की अप्रैल जून तिमाही के 35.36 अरब डॉलर के मुकाबले 12.33 प्रतिशत की कमी दर्शाता है।’’ इंजीनियरिंग वस्तुओं, पेट्रोलियम उत्पादों और दवा का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में क्रमश: 25.9 अरब डॉलर, 12.9 अरब डॉलर और 5.8 अरब डॉलर रहा। गोयल ने यह भी कहा कि प्रक्रियाओं को सुगम बनाने, समयसीमा और लाइसेंस अवधि बढ़ाये जाने से निर्यात क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा है। सेवा निर्यात के मामले में उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह निर्यात 2025 तक 350 अरब डॉलर और जल्दी ही 500 अरब डॉलर तक जा सकता है। निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट(आरओडीटीईपी) के बारे में मंत्री ने कहा कि यह अंतर-मंत्रालयी चर्चा के स्तर पर है और काफी आगे बढ़ चुका है। विदेश व्यापार नीति के बारे में गोयल ने कहा कि मंत्रालय उस पर काम कर रहा है तथा इस बात पर गौर किया जा रहा है कि विदेश व्यापार को आगे और बढ़ाने के लिये कि नई चीजों को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम इसे अक्टूबर तक लाएंगे।’’