पाकिस्तान छोड़कर भारत आएपवन मुंजाल के पिता बृजमोहन लाल मुंजाल का जन्म साल 1923 में वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब के जिला टोबा टेक सिंह में हुआ था। इन्होंने साइकिल के स्पेयर पार्ट से बिजनस शुरू किया और फिर ऑटोमोबाइल सेक्टर में क्रांति ला दी। करीब 78 साल पहले बृजमोहन अपने तीन भाइयों के साथ पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे।साइकिल के स्पेयर पार्ट्स का शुरू किया बिजनसबृजमोहन ने अमृतसर में साइकिल के स्पेयर पार्ट्स का व्यापार शुरू किया। कारोबार अच्छा चलने लगा तो उन्होंने साल 1954 में हीरो साइकिल्स लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई। इसके साथ ही देश के एक बड़े कारोबारी घराने का उदय हुआ। उस समय मुंजाल ने सरकार द्वारा दी गई 6 लाख रुपये की मदद और कुछ अपनी पूंजी से साइकिल बनाने का बिजनस शुरू किया था। यह बिजनस ऐसा चला कि देश के घर-घर में हीरो की साइकिल दिखाई देने लगी। साल 1975 तक हीरो साइकिल देश की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी बन गई थी। साल 1986 में हीरो साइकिल का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हुआ था। यह दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी माने जाने लगी।हीरो-होंडा का पहला प्रोडक्ट था CD 100साइकिल के बाद मुंजाल ने टू-व्हीलर कंपनी बनाई, जिसका नाम हीरो मैजेस्टिक रखा। शुरुआत में यह मैजेस्टिक स्कूटर और मोपेड बनाती थी। मुंजाल ने इसके बाद साल 1984 में जापान की कंपनी होंडा के साथ डील की। दोनों कंपनियां साथ आईं तो बनी हीरो-होंडा। CD 100 इस कंपनी का पहला प्रोडक्ट था। आज भी लोगों को यह बाइक पंसद आती है। इसके बाद हीरो-होंडा के नए-नए मॉडल्स आते गए।27 साल बाद हुए अलगकरीब 27 साल तक हीरो और होंडा दोनों ने मिलकर टू-व्हीलर बनाए। इसके बाद अगस्त 2011 में दोनों कंपनियां अलग हो गईं। यहां से नई कंपनी निकली जिसका नाम है- हीरो मोटोकॉर्प। इस कंपनी ने स्वतंत्र रूप से पहली बाइक हीरो इंपल्स लॉन्च की थी। अब यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी टू-व्हीलर निर्माता कंपनी है। पवन मुंजाल 40 देशों में कंपनी का कारोबार फैला चुके हैं। वहीं, बृजमोहन मुंजाल 1 नवंबर 2015 को यह दुनिया छोड़कर चले गए।