मुंबई, 18 जून (भाषा) संकटग्रस्त पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के अधिग्रहण का रास्ता साफ करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज को लघु वित्त बैंक स्थापित करने के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी। पीएमसी बैंक के अधिग्रहण के लिए आवेदन करने वालों में सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज भी शामिल है। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज लि. की एक फरवरी, 2021 की पेशकश पर ‘सैद्धान्तिक’ मंजूरी दी गई है। सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज ने पीएमसी बैंक लि. की तीन नवंबर, 2020 को प्रकाशित रुचि पत्र अधिसूचना की प्रतिक्रिया में यह पेशकश की है।’’ रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के लिए ‘ऑन टैप’ लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के आधार पर सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज को सैद्धान्तिक मंजूरी दी है। पीएमसी बैंक ने अपने पुनर्गठन के लिए पात्र निवेशकों से निवेश या इक्विटी भागीदारी के लिए रुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किये थे। सितंबर, 2019 में रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए उसे नियामकीय अंकुशों के तहत डाल दिया था। इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं द्वारा निकासी सीमा को भी सीमित कर दिया गया था। बैंक पर ये अंकुश रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए ऋण के बारे में सही जानकारी नहीं देने और अन्य गड़बड़ियों का पता लगाने के बाद लगाये गये थे। 19 सितंबर, 2019 तक पीएमसी ने एचडीआईएल को 6,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया हुआ था। यह बैंक के कुल ऋण का 73 प्रतिशत था। तब तक बैंक ने कुल 8,880 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। पीएमसी बैंक को प्रतिबंधों के दायरे में लाते हुये रिजर्व बैंक ने शुरू में उसके जमाकर्ताओं को मात्र एक हजार रुपये निकालने की अनुमति दी थी जिसे बाद में उनकी समस्या को कम करते हुये एक लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया। जून 2020 में रिजर्व बैंक ने इस सहकारी बैंक पर नियामकीय प्रतिबंधों को और बढ़ाकर 22 दिसंबर 2020 तक कर दिया था।