नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक- निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं और मूलभूत ढांचागत परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण को मंजूरी देने की नई सुगठित प्रक्रिया तैयार की जायेगी। इससे केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की संपत्ति के मौद्रीकरण की प्रक्रिया को तेज करने में मदद मिलेगी। आर्थिक राहत के उपायों की घोषणा करते हुये सीतारमण ने कहा कि पीपीपी परियोजनाओं के लिये मौजूदा प्रक्रिया लंबी है और इसमें कई स्तर पर मंजूरियां लेनी होतीं हैं। सीतारमण ने कहा कि इससे संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने के बजट प्रस्ताव पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। व्यय सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि इस सबंध में नीति की घोषणा आर्थिक मामले विभाग द्वारा की जायेगी। वर्ष 2021- 22 के बजट भाषणा में सीतारमण ने यह घोषणा की थी कि नये निर्माण के लिये परिचालन वाली सार्वजनिक ढांचागत संपत्तियों का मौद्रीकरण अति महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प है। उन्होंने कहा था, ‘‘मौजूदा ढांचागत परिसंपत्तियों की एक संभावित राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन की शुरुआत की जायेगी।’’ मौद्रीकरण की इस योजना के तहत आने वाली कुछ प्रमुख ढांचागत संपत्तियों में एनएचएआई द्वारा संचालित टोल सड़कें, पावर ग्रिड कार्पोरेशन की पारेषण संपत्तियां, गेल, इंडियन आयल और एचपीसीएल की तेल एवं गैस पाइपलाइनें, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के हवाईअड्डे आदि शामिल हैं। इसके अलावा रेलवे, भंडारण निगम की संपत्तियां, खेलकूद के स्टेडियम आदि भी शामिल किये जा सकते हैं।