इंदौर (मध्य प्रदेश), आठ सितंबर (भाषा) मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान देश में पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूली से सरकार का राजस्व करीब 47 प्रतिशत बढ़कर 97,938.91 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून से ऐसे वक्त हुआ है, जब देश में पेट्रोल-डीजल के मूल्य ऊंचे स्तर पर हैं। नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के प्रणाली एवं आंकड़ा प्रबंधन विभाग ने उन्हें पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूली को लेकर सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी दी है। गौड़ को आरटीआई के तहत प्राप्त ब्योरे के मुताबिक देश में पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही में पेट्रोलियम पदार्थों के विनिर्माण पर कुल 66,703.94 करोड़ रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूला गया था। अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने हालांकि कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली बढ़ने का रुझान घरेलू अर्थव्यवस्था में तेज सुधार की बानगी पेश करता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप घटने के बाद देश में परिवहन गतिविधियों में इजाफा हो रहा है जिससे पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ रही है।’’