नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) देश का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11.13 करोड़ टन रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। गेहूं के अलावा चावल, दलहन, मक्का, तिलहन और गन्ने का उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। दूसरा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि इस साल कुल खाद्यान्न उत्पादन भी रिकॉर्ड 31.60 करोड़ टन पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो पिछले फसल वर्ष में 31.07 करोड़ टन रहा था। तोमर ने कहा, ‘‘देश में खाद्यान्न उत्पादन का रिकॉर्ड हमारे किसानों की कड़ी मेहनत, वैज्ञानिकों के शोध और सरकार की खेती के अनुकूल नीतियों का नतीजा है।’’ रबी की मुख्य फसल गेहूं का उत्पादन 2020-21 के फसल वर्ष में 10.95 करोड़ टन रहा था। चावल का उत्पादन भी रिकॉर्ड 12.79 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है। पिछले फसल वर्ष में यह 12.43 करोड़ टन रहा था। साथ ही दलहन उत्पादन भी अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 2.69 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। एक साल पहले यह 2.54 करोड़ टन रहा था। दलहन उत्पादन बढ़ने से देश की आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, मोटे अनाज का उत्पादन मामूली घटकर 4.98 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले साल यह 5.13 करोड़ टन रहा था। खाद्यान्न में गेहूं, चावल, मोटा अनाज और दालें आती हैं। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, तिलहन उत्पादन 3.71 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा। पिछले फसल वर्ष में यह 3.59 करोड़ टन रहा था। वहीं तिलहनों में रैपसीड सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड 1.14 करोड़ टन रहेगा। पिछले साल यह 1.02 करोड़ टन रहा था। तिलहन उत्पादन बढ़ने से आयात पर निर्भरता कम होगी और देश में खाद्य तेलों की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी। नकदी फसलों की बात की जाए, तो गन्ना उत्पादन 2021-22 के फसल वर्ष में 41.40 करोड़ टन के रिकॉर्ड पर पहुंच सकता था। पिछले फसल वर्ष में यह 40.53 करोड़ टन रहा था। कपास उत्पादन मामूली घटकर 3.40 करोड़ गांठ (एक गांठ 170 किलो) पर आने का अनुमान है जो पिछले साल 3.52 करोड़ गांठ रहा था। हालांकि, जून का मेस्ता का उत्पादन मामूली बढ़कर क्रमश: 95.7 लाख गांठ (एक गांठ 180 किलो) पर पहुंचने का अनुमान है जो पिछले साल 93.5 लाख गांठ रहा था। कृषि मंत्रालय अंतिम आंकड़ों से पहले चार बार फसल उत्पादन के अनुमान जारी करता है।