नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने बुधवार को सरकार से पर्यटन, यात्रा और होटल उद्योग को समर्थन देने के उपाय करने का आग्रह किया। उद्योग मंडल ने कहा है कि कोविड- 19 महामारी के कारण यह उद्योग नकदी के गंभीर संकट से गुजर रहा है। कोरोना महामारी के कारण पर्यटन एवं होटल उद्योग पूरी तरह से ठप पड़ गया है। इसकी वजह से कई होटल और दूसरे व्यवसाय बंद हो गये हैं। जो लोग अपनी जीविका के लिये इस उद्योग पर निर्भर थे उनमें से कइयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। उद्योग मंडल ने एक बयान में कहा है, ‘‘स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की आशंका है। ऐसे में सरकार को कदम उठाते हुये इस उद्योग के समक्ष खड़े नकदी संकट की समस्या का समाधान करने के वास्ते तुरंत राहत उपाय करने चाहिये।’’ फिक्की ने इस उद्योग की अगस्त 2020 को समाप्त हुई कार्यशील पूंजी, मूल राशि, ब्याज , कर्ज और ओवरड्राफ्ट की वसूली पर स्थगन को एक साल बढ़ाने की मांग की है। फिक्की का कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण होटल उद्योग को उसके कामकाज में सामान्य स्थिति आने में कम से कम चार से पांच साल का समय लगेगा। ऐसी स्थिति पुनर्गठन की अवधि और अनुपात पर गौर करने की आवश्यकता है। फिक्की ने सरकार से आपात रिण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की भुगतान वापसी की अवधि को बढ़ाकर आठ साल करने का भी आग्रह किया है। उद्योग मंडल ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि पर्यटन को संविधा की समवर्ती सूची में शामिल किया जाना चाहिये जिससे कि केन्द्र के साथ साथ राज्य भी इस क्षेत्र की वृद्धि के लिये नीतियां बना सकें।