कोलकाता, 24 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार ने नदिया ऊत्तक संवर्धन (टिशू कल्चर) केन्द्र पीपीपी मॉडल के जरिए संचालित करने की योजना बना रही है। राज्य के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तीन-चार छोटे सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करने की योजना भी बनाई है, जो चार से पांच खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सेवाएं दे सकते हैं। इससे सब्जियों और फलों की खेती करने वाले किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। राज्य के खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी सचिव सुब्रत गुप्ता ने एमसीसीआई के एक सत्र में कहा, ‘‘हमारे पास नदिया जिले के गायशपुर में भूमि, भवन और उपकरण जैसे सभी बुनियादी ढांचे के साथ एक ऊत्तक संवर्धन केन्द्र है। हम चाहते हैं कि इसे पीपीपी मॉडल के आधार पर चलाया जाए।’’ ऊत्तक संवर्धन में सब्जियों और फलों की नई विदेशी किस्मों के उत्पादन और खेती की अपार संभावनाएं हैं। इससे पहले जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कोलकाता बायोटेक पार्क में पौधों और सब्जियों के उत्पादन तथा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक अत्याधुनिक ऊत्तक संवर्धन प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा की थी। गुप्ता ने कहा कि छोटे पैमाने के सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सीएफसी में सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी, जहां इकाइयां स्थानीय किसानों से सीधे सब्जियां और फल खरीद सकती हैं।