मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट आयी और बीएसई सेंसेक्स 355 अंक लुढ़क गया। कोरोना वायरस के डेल्टा किस्म के तेजी से फैलने को लेकर चिंता के बीच वैश्विक स्तर पर बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।बैंक और वित्तीय शेयरों में बिकवाली का घरेलू बाजार में गिरावट पर ज्यादा असर हुआ है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये में तेजी और खपत से जुड़े शेयरों में लिवाली से नुकसान पर अंकुश लगा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 354.89 अंक यानी 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,198.51 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 120.30 अंक यानी 0.76 प्रतिशत का गोता लगाकर 15,632.10 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 3.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में इंडसइंड बैंक का शेयर रहा। इसके अलावा टाटा स्टील, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स 6.04 प्रतिशत मजबूत होकर सर्वाधिक लाभ में रहा। कंपनी का जून तिमाही में शुद्ध लाभ दोगुना बढ़कर 574.30 करोड़ रुपये रहने की खबर से शेयर में तेजी आयी। अल्ट्राटेक सीमेंट, एचयूएल, नेस्ले इंडिया, मारुति और टीसीएस समेत अन्य शेयर 1.52 प्रतिशत तक बढ़त में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार में मंदड़िये हावी रहे। काफी संक्रामक माने जाने वाले डेल्टा किस्म के तेजी से फैलने को लेकर चिंता के साथ वैश्विक बाजारों में बिकवाली और आर्थिक वृद्धि में कमी के आंकड़े का असर घरेलू बाजार पर पड़ा। कच्चे तेल के दाम में तेजी से कमी और अमेरिकी बांड प्रतिफल में गिरावट भविष्य में वृद्धि को लेकर चिंता को प्रतिबिंबित करता है।’’ जूलियस बेयर में इक्विटी रणनीति शोध प्रमुख मैथ्यू रैचेटर ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों में दुनिया भर में डेल्टा किस्म के तेजी से फैलने, मुद्रास्फीति में तेजी से समय से पहले मौद्रिक नीति को कड़ा किये जाने की आशंका और चीन में कर्ज लेने की दर में कमी जैसे कारणों से वैश्विक शेयर बाजारों को झटका लगा है। कुल मिलाकर इन कारणों से वैश्विक वृद्धि को लेकर उम्मीद कमजोर हुई, जिसका असर शेयर बाजारों पर पड़ा।’’ बीएसई के सभी खंडवार सूचकांक नुकसान में रहे। धातु, बिजली, दूरसंचार और जन उपयोगी सेवाओं से संबद्ध सूचकांकों में 2.41 प्रतिशत की गिरावट आयी। बीएसई मिड कैप और स्मॉल कैप (मझोली और छोटी कंपनियों के शेयर सूचकांक) 1.44 प्रतिशत तक नीचे आये। इस बीच, एशियाई विकास बैंक ने महामारी के प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 11 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक बाजारों में शंघाई, हांगकांग, सियोल और टोक्यो नुकसान में रहे। हालांकि यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में मध्याह्न कारोबार में तेजी का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 68.86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे मजबूत होकर 74.61 पर बंद हुआ। शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से बिकवाल रहे। उन्होंने 2,197 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।