मुंबइ, एक जुलाई (भाषा) बैंकों का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसपंत्ति) यानी फंसा कर्ज मार्च 2022 तक बढ़कर 9.8 प्रतिशत तक जा सकता है। यह बैंकों द्वारा फंसे कर्ज के एवज में किये जाने वाले युक्तिसंगत प्रावधान यानी सामान्य परिदृश्य पर आधारित है। भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह कहा गया है।इसमें कहा गया है कि लेकिन अगर संपत्ति पर दबाव बढ़ता है और गंभीर होता है, तो एनपीए बढ़कर 11.22 तक जा सकता है। एफएसआर रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वृहत दबाव परीक्षण से यह संकेत मिलता है कि बैंकों का सकल एनपीए सामान्य परिदृश्य में मार्च 2021 के 7.48 प्रतिशत से बढ़कर 9.80 प्रतिशत तक जा सकता है।’’ उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी में प्रकाशित एफएसआर रिपोर्ट में सामान्य परिदृश्य में सितंबर 2021 तक जीएनपीए के 13.5 प्रतिशत तक जाने का अनुमान जताया गया था। ताजी रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि दबाव की स्थिति में भी बैंकों के पास सकल और व्यक्तिगत स्तर पर पर्याप्त पूंजी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में सकल एनपीए अनुपात सामान्य परिदृश्य में मार्च 2021 में 9.54 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2022 में 12.52 प्रतिशत पर जाने का अनुमान है। यह पूर्व के अनुमान से सुधार है और महामारी के समय बैंकों की मजबूती बनाये रखने में नियामकीय समर्थन के महत्व का संकेत देता है।