बैंकाक, 22 जून (एपी) ब्रिटेन ने मंगलवार को ट्रांस-पैसेफिक व्यापार संगठन से जुड़ने को लेकर बातचीत शुरू की। वास्तव में इसके जरिये ब्रिटेन अब यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद नये अवसर तलाशने के साथ एशिया में रणनीति हितों को मजबूत करना चाहता है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक रॉब की वियतनाम यात्रा के दौरान वहां के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों के बीच बैठक के साथ ट्रांस-पैसेफिक भागीदारी के लिये व्यापार और प्रगतिशील समझौते से जुड़ने को लेकर लेकर वार्ता शुरू हुई है। इस संगठन से 11 देश जुड़े हैं जिनकी संयुक्त आबादी 50 करोड़ के करीब है। विदेश मंत्री रहते रॉब की दक्षिण पूर्व एशिया की यह पांचवीं यात्रा है। साथ ही ब्रिटेन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियन) के साथ ‘वार्ता भागीदार’ का दर्जा हासिल करना चाहता है। वास्तव में वह वैश्विक मंच पर चीन के बढ़ते प्रभाव के काट में भारत-प्रशांत क्षेत्र की ओर आकर्षित हो रहा है। हाल में, ब्रिटेन सरकार की रक्षा और विदेश नीति की समीक्षा में इस संदर्भ में सिफारिश की गयी है। रॉब ने यात्रा से पहले कहा, ‘‘ब्रिटेन भारत-प्रशांत क्षेत्र में मित्रता को सुदृढ़ करने के लिये प्रतिबद्ध है…हम इसे सीपीटीपीपी (ट्रांस-पैसेफिक भागीदारी के लिये व्यापक और प्रगतिशील समझौता) में शामिल होने, आसियान के साथ साझेदारी करने और इस क्षेत्र में अपने द्विपक्षीय संबंधों को विभिन्न प्रयासों से मजबूत करने के प्रतिबद्धता के जरिये प्रदर्शित कर रहे हैं।’’सिंगापुर स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज कार्यालय के एशिया-प्रशांत सुरक्षा के वरिष्ठ फेलो यूआन ग्राहम ने कहा कि दरअसल, ब्रिटेन ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब क्षेत्र के देश पूंजी और व्यापारिक अवसरों के मुख्य स्रोत के रूप में चीन का विकल्प तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अगर चाहता है कि क्षेत्र के देश उसके प्रयासों को गंभीरता से ले, तो उसे यह दिखाना होगा कि वह लंबे समय तक काम करने के लिए तैयार है। ग्राहम के अनुसार, ‘‘यह कहना अच्छा नहीं है कि आप लंदन की सुरक्षा के लिये जुड़े हुए हैं, बल्कि आपको महामारी में भी क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।’’ एपी रमण मनोहरमनोहर