नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार बैंकों के साथ की गयी धोखाधड़ी वाले धन को वापस लाने के लिए भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ मामलों को सक्रियता से आगे बढ़ाएगी। सीतारमण ने यह बात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बयान के बाद कही है। ईडी ने कहा है कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने बुधवार को यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे, जिन्हें एजेंसी ने मनी लांडरिंग निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत जब्त किया था। यह कदम भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कथित बैंक धाखाधड़ी जांच के तहत उठाया गया। वित्त मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ मामलों को सक्रियता से आगे बढ़ाया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऐसे शेयरों की बिक्री से पहले ही 1,357 करोड़ रुपये प्राप्त कर चुके हैं। ऐसी कुर्क संपत्तियों की बिक्री के जरिये वसूल की गयी 9041.5 करोड़ रुपये बैंकों को मिलेंगे।’’ ईडी ने कहा कि माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने अपनी कंपनियों के जरिए धन की हेराफेरी की और बैंकों को नुकसान पहुंचाया। इसके चलते बैंकों के समूह को 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इस ताजा बिक्री के साथ कुल 9,041.5 करोड़ रुपये की वसूली हो गई है, जो इन तीनों की कुल 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी का 40 प्रतिशत है। गौरतलब है कि धोखाधड़ी के आरोपी माल्या, नीरव मोदी और चोकसी विदेश भाग गए हैं और इन तीनों के खिलाफ ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। पीएनबी धोखाधड़ी मामले में हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी और अन्य ने कथित तौर पर 13,000 करोड़ रुपये का गबन किया, जबकि एक दूसरे मामले में माल्या द्वारा शुरू की गई किंगफिशर एयरलाइंस के जरिए 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।