नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) भारतीयों ने इस साल घर से दूर एक सुंदर स्थान पर काम करने यानी ‘वर्ककेशन’ मॉडल का जमकर आनंद उठाया। ओयो ट्रैवलोपीडिया-2021 की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। वर्ककेशन एक तरह से काम (वर्क) और छुट्टियों (वैकेशन) का मिश्रण है, जिसमें लोग अपने घर से दूर कहीं रहकर काम करने के साथ पर्यटन का भी आनंद ले सकते हैं। दरअसल, 2020 में आई कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्रा और पर्यटन क्षेत्र के बंद होने से लोगों को घर में रहने पर मजबूर होना पड़ा था, जो काफी समय से बाहर घूमना चाह रहे थे। उनमें से कई प्रतिबंध हटने के बाद पर्यटन स्थलों पर चले गए और वहीं से ऑनलाइन अपना काम भी शुरू कर दिया। भारत में लगभग 65 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पिछले छह महीनों में यात्रा की है और उनमें से अधिकांश ने अपने प्रियजनों से मुलाकात की, जबकि कुछ ने अपनी दैनिक दिनचर्या को छोड़कर छुट्टियां बिताने के लिए यात्रा की। ओयो के साल के अंत के चौथे वार्षिक सूचकांक- ओयो ट्रैवलोपीडिया-2021 के अनुसार, ‘‘इस वर्ष के दौरान लगभग 48 प्रतिशत भारतीयों ने घर से काम किया, जिनमें से 85 प्रतिशत ने वर्ककेशन पर काम करना या घर से दूर एक सुंदर स्थान से काम करने को अपनी पसंद बताया। इनमें से 61 प्रतिशत ने वर्ककेशन पर रहकर काम किया।’’ दिलचस्प बात यह है कि लगभग 27 प्रतिशत लोग महीने भर वर्ककेशन पर रहे। साथ में काम और यात्रा करने की इस पहल के लिए लोगों के पसंदीदा स्थानों की सूची में पहाड़ी क्षेत्र शीर्ष स्थान पर हैं। इसके बाद कई लोगों ने अपने गृहनगर और समुद्र तट से जुड़े स्थलों की यात्रा की और वहां अपना काफी समय बिताया। यह सर्वे भारत, इंडोनेशिया और यूरोप सहित कंपनी के कुछ प्रमुख बाजारों में इसके उपयोगकर्ता आधार के बीच यात्रा के इरादे और अपेक्षाओं का अध्ययन करने के लिए इसी महीने किया गया। इसमें लगभग 3,000 लोगों की प्रतिक्रियाएं ली गईं। ओयो ट्रैवलोपीडिया-2021 की रिपोर्ट में पाया गया कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के साथ भारतीयों के बीच यात्रा की इच्छा बढ़ी है और उनका आत्मविश्वास फिर से वापस लौटा है।