नयी दिल्ली 23 जून (भाषा) भारतीय दूरसंचार मानक निकाय टीएसडीएसआई ने बुधवार को कहा कि उसने संयुक्तराष्ट्र के निकाय आईटीयू (वायरलेस क्षेत्र) को 6जी प्रौद्योगिकी पर एक दृष्टि-पत्र प्रस्तुत किया है। जो तार रहित संचार के लिए वैश्विक मानक को अंतिम रूप देता है। टेलीकम्युनिकेशंस स्टैंडर्ड डेवलपमेंट सोसाइटी इंडिया (टीएसडीएसआई) ने इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनिन -रेडिया (आईटीयू-आर) को अपने प्रतिवेदन में कहा है कि 6जी ऐसी तकनीक होनी चाहिए जो सभी को मोबाइल से जुड़े समाज के विकास में सहायता करे। साथ ही डिजिटल विभाजन को कम करने और सेवाओं के निजीकरण एवं स्थानीयकरण के लिए समर्थन के साथ-साथ डाटा सुरक्षा प्रबंधन पर केंद्रित हो। टीएसडीएसआई ने कहा कि 6जी यात्रा के हिस्से के रूप में वह लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत में अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा तथा प्रयासों के ताल-मेल के लिए वैश्विक मानक निकायों के साथ सहयोग जारी रखेगा। उल्लेखनीय है कि दक्षिण कोरियाई प्रौद्योगिकी दिग्गज सैमसंग ने मंगलवार को दावा किया कि उसने 5जी की तुलना में 6जी अनुसंधान में 50 गुना तेज गति हासिल की है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नए 5जी ट्रांसमिशन उपकरण पर कंपनी की प्रस्तुति के दौरान कहा कि उसने 5जी नेटवर्क पर 5.23 गीगाबिट प्रति सेकेंड (जीबीपीएस) की गति हासिल कर ली है। वही भारत में फिलहाल 4जी इंटरनेट सेवाएं ही उपलब्ध है और 5जी सेवाओं को शुरू करने की प्रक्रिया अभी चल रही हैं।