नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) भारतीय ओटीटी स्ट्रीमिंग उद्योग के अगले एक दशक में 22-25 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 13-15 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। मीडिया और मनोरंजन पर एक संयुक्त रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि ओटीटी (ओवर-द-टॉप) उद्योग लगातार बढ़ रहा है और सभी प्रकार के सामग्री मुहैया कराने वालों का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 से अधिक खिलाड़ियों के साथ यह क्षेत्र उभरते बाजारों में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी है। सस्ते तेज रफ्तार वाले मोबाइल इंटरनेट के चलते पिछले छह वर्षों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है, जिसके चलते डिजिटल वीडियो स्ट्रीमिंग को मजबूती मिली है। इसके अलावा कोविड-19 महामारी पर काबू पाने के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलने से भी इसे बढ़ावा मिला है। भारत में नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो, डिज्नी प्लस जैसे वैश्विक खिलाड़ियों की पेशकश अमेरिका की तुलना में 70-90 प्रतिशत तक सस्ती हैं। इसके अलावा ओटीटी क्षेत्र में भारतीय मूल की सामग्री के लिए निवेश बढ़ रहा है, जिससे उपयोगकर्ताओं का जुड़ाव बढ़ा है।रिपोर्ट में कहा गया कि 30 साल से कम उम्र की 50-55 प्रतिशत आबादी से भी इसमें मदद मिली है।