नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) कंसल्टेंसी कंपनी रेडसीयर के अनुसार भारत की उपभोक्ता डिजिटल- अर्थव्यवस्था 2030 तक 800 अरब डॉलर की हो जाएगी। 2020 में यह 85-90 अरब डॉलर का बाजार था। इसकी मुख्य वजह देश में ई-कॉमर्स और डिजिटल शिक्षा-प्रौद्योगिकी जैसी ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता है। साथ ही भारत का ऑनलाइन खुदरा बाजार भी 2021 में 55 अरब डॉलर और 2030 तक 350 अरब डॉलर का आंकड़ा छूने के साथ अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। इसके साथ ही किराना कारोबार भी 2030 तक करीब 1,500 अरब डॉलर तक पहुचने का अनुमान है। रेडसीयर के ‘ग्राउंड जीरो 5.0’ कार्यक्रम में यह जानकारी साझा की गयी। कंपनी के संस्थापक और सीईओ अनिल कुमार ने कहा, “आज 50 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक कहते हैं कि वे सुविधा की वजह से ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। कुछ साल पहले, करीब 70 प्रतिशत ग्राहक कहते थे कि उनके इस्तेमाल की मुख्य वजह कीमतों में छूट है, लेकिन कोविड आने के साथ डिजिटल सेवाओं ने निस्संदेह रूप से ग्राहकों की काफी सेवा की है। यह बात ग्राहकों की संतुष्टि और अपनी जरूरतों को पूरा करने के महत्वपूर्ण साधन के रूप में डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल जारी रखने की इच्छा से साफ झलकती है।”