कोलंबो, 28 जून (भाषा) श्रीलंकाई केंद्रीय बैंक के प्रमुख डब्ल्यू डी लक्ष्मण ने सोमवार को यहां कहा कि कहा कि देश में मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था तात्कालिक कार्य योजना का प्रमुख हिस्सा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे उस अटकल के बारे में पूछा गया था कि श्रीलंका को कर्ज की किस्त और ऋण लौटाने की बाध्यताओं के बीच विदेशी मुद्रा संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक के पास मुद्रा प्रवाह की जो संभावना है, उसमें बांग्लादेश बैंक से 25 करोड़ डॉलर की अदला-बदली व्यवस्था शामिल है। यह जुलाई में आने की उम्मीद है। इसके अलावा दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) वित्त अदला-बदली व्यवस्था के तहत भारतीय रिजर्व बेंक से 40 करोड़ डॉलर अगस्त 2021 में मिलने की उम्मीद है। साथ ही विशेष अदला-बदली व्यवस्था के तहत 100 करोड़ डॉलर को लेकर रिजर्व बैंक से बातचीत हो रही है।’’ लक्ष्मण ने कहा कि बैंक 4 अरब डॉलर के सकल आधिकारिक मुद्रा भंडार के साथ अभी अपना ध्यान कर्ज की किस्त और ऋण लौटाने की बाध्यताओं पर दे रहा है। इसके अलावा पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के साथ आपातकालीन 1.5 अरब डॉलर की अदला-बदली व्यवस्था है। विश्लेषकों ने कहा कि श्रीलंका का कर्ज अदायगी बाध्यता 2021 के लिये 3.6 अरब डॉलर होगा। गवर्नर ने कहा कि श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के विशेष आहरण अधिकार के तहत अगस्त 2021 में 80 करोड़ डॉलर प्राप्त करने की उम्मीद कर रहा है। गवर्नर ने कहा कि सरकार के लिये कर्ज अदायगी बाध्यता के कारण आने वाले समय में विदेशी मुद्रा भंडार के स्तर पर उतार-चढ़ाव आ सकता है। लेकिन वित्त पोषण और मुद्रा भंडार को पर्याप्त स्तर पर बनाये रखने को लेकर ठोस रणनीति तैयार की गयी है।