हाइलाइट्स5जी देश में विमानों के लिए प्रथम दृष्टया सुरक्षितयहां ज्यादातर चिंताएं अमेरिका में व्याप्त डर से प्रेरितभारत में घबराने की जरूरत नहींनई दिल्ली: भारत के ऊपर से उड़ान भरने वाले विमानों को आगामी 5G मोबाइल सेवाओं के कारण किसी भी सुरक्षा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) का कहना है कि नए युग की तकनीक 5जी देश में विमानों के लिए प्रथम दृष्टया सुरक्षित है। ट्राई का यह आश्वासन ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका में 5जी नेटवर्क के शुरू होने से उड़ान भरने वाले विमानों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है क्योंकि 5जी से नेविगेशन सिस्टम में हस्तक्षेप की आशंका है। अमेरिका के लिए कई उड़ानें रद्द या रिशेड्यूल की गई हैं क्योंकि एयरलाइंस को डर है कि 5G सेवा, विमान उपकरणों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। इससे बोइंग 777 जैसे कुछ लोकप्रिय जेट्स प्रभावित हो सकते हैं। ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला ने TOI को बताया कि प्रथम दृष्टया 5जी स्पेक्ट्रम रोलआउट को लेकर भारत के भीतर विमानन उद्योग के लिए कोई समस्या नहीं है।अमेरिका में 5जी के लिए स्पेक्ट्रम और विमान के बीच की दूरी बहुत कमवाघेला ने कहा कि अमेरिका में 5जी के लिए आरक्षित स्पेक्ट्रम और विमान के बीच की दूरी बहुत कम है, जबकि भारत में यह दूरी बहुत अधिक है। यूएस में 5G के लिए बैंड 3700-3980MHz है, जबकि विमान पर रेडियो ऑल्टीमीटर 42004400MHz बैंड में काम करते हैं। अंतर केवल 220 मेगाहर्ट्ज का है, जिससे विमान के नेविगेशन सिस्टम में हस्तक्षेप की आशंका बढ़ जाती है। भारत में 5G बैंड 3300MHz और 3670MHz के बीच चलते हैं, जो एयरलाइनों द्वारा उपयोग की जाने वाली फ्रीक्वेंसी के साथ 530MHz का अंतर बनाते हैं। वाघेला ने कहा कि भले ही भारत में खतरे गायब हैं, लेकिन ठोस आकलन के लिए ट्राई इस मुद्दे की विस्तार से जांच करेगा।दूरसंचार उद्योग का क्या है माननाभारतीय दूरसंचार उद्योग को भी लगता है कि 5G के कारण एयरलाइंस के लिए कोई सुरक्षा समस्या नहीं है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डीजी एस पी कोचर के मुताबिक, “यहां ज्यादातर चिंताएं अमेरिका में व्याप्त डर से प्रेरित हैं। तथ्य यह है कि भारत में घबराने की जरूरत नहीं है, और भारतीय धरती पर विमानन संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” कोचर ने कहा कि भारत के 5जी बैंड यूरोप, दक्षिण कोरिया और जापान के बाजारों में आवंटित फ्रीक्वेंसीज को प्रतिबिंबित करते हैं। इन बाजारों में 5G लॉन्च हुए हैं और हमें वहां एयरलाइन फ्रीक्वेंसीज के साथ हस्तक्षेप का कोई उदाहरण नहीं मिला है। भारत में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी इस साल के अंत में होने की उम्मीद है, जिसके बाद अगले 1-2 वर्षों में यह सेवा शुरू की जाएगी।America 5G Services शुरू होने पर तमाम एयरलाइंस टेंशन में क्यों हैं?