नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 4,445 करोड़ रुपये के कुल व्यय से पांच साल में सात वृहत एकीकृत कपड़ा क्षेत्र और परिधान (पीएम-मित्र) पार्क स्थापित करने को मंजूरी दे दी। इस कदम का उद्देश्य दुनिया में कपड़ा के क्षेत्र में भारत को मजबूत स्थिति में लाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सात वृहत एकीकृत कपड़ा क्षेत्र और परिधान पार्कों से कपड़ा क्षेत्र को गति मिलेगा। ‘‘ये पार्क रोजगार सृजित करेंगे और ‘लॉजिस्टिक’ की लागत कम करेंगे।’’ वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पीएम-मित्र पार्क स्थापित किये जाने की घोषणा की गयी थी। ये पार्क विभिन्न इच्छुक राज्यों में नये या पुराने स्थलों पर स्थापित किये जाएंगे। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार अन्य कपड़ा संबंधी सुविधाओं और परिवेश के साथ-साथ 1,000 एकड़ से अधिक बाधा-मुक्त और एक जगह उपलब्ध भूमि की उपलब्धता वाले राज्य सरकारों के प्रस्तावों का स्वागत है। कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक में किये गये निर्णय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पार्क को लेकर 10 राज्य पहले ही रुचि जता चुके हैं। ये राज्य हैं…तमिलनाडु, पंजाब, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश और तेलंगाना। उन्होंने कहा कि इस कदम से सात लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 14 लाख को परोक्ष रोजगार मिलेगा।ये पार्क एक ही स्थल पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण/रंगाई और छपाई से लेकर परिधान तैयार करने तक एक ही जगह पर एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला बनाने का अवसर प्रदान करेगा। एकीकृ कपड़ा मूल्य श्रृंखला से उद्योग की ‘लॉजिस्टिक’ लागत कम होगी। बयान के अनुसार, समान बुनियादी ढांचे (परियोजना लागत का 30 फीसदी) के विकास के लिए सभी नये पार्कों को अधिकतम विकास पूंजी सहायता (डीसीएस) 500 करोड़ रुपये और पुराने पार्क को अधिकतम 200 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा प्रत्येक पार्क को कपड़ा निर्माण इकाइयों की शीघ्र स्थापना के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता प्रोत्साहन सहायता (सीआईएस) के रूप में 300 करोड़ रुपये भी प्रदान किए जाएंगे। पीएम मित्र के तहत शुद्ध रूप से विनिर्माण गतिविधियों के लिये 50 प्रतिशत क्षेत्र, विभिन्न उपयोगी सेवाओं के लिये 20 प्रतिशत क्षेत्र और वाणिज्यिक विकास के लिए 10 प्रतिशत क्षेत्र विकसित किये जाएंगे। विज्ञप्ति के अनुसार पार्क का विकास विशेष उद्देश्यीय इकाई के जरिये किया जाएगा। यह इकाई सार्वजनिक निजी भागीदारी में राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार के स्वामित्व में काम करेगी। बयान में कहा गया है, ‘‘मुख्य डेवलपर (पार्क का विकास करने वाली कंपनी) न केवल औद्योगिक पार्क का विकास करेगा, बल्कि छूट की अवधि के दौरान इसका रखरखाव भी करेगा। इस कंपनी का चयन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर किया जाएगा।’’विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) में राज्य सरकार की बहुलांश हिस्सेदारी होगी। एसपीवी विकसित औद्योगिक स्थलों से पट्टे के किराये का हिस्सा प्राप्त करने का हकदार होगा। वह श्रमिकों के लिए कौशल विकास पहल और अन्य कल्याणकारी उपायों को प्रदान करने के साथ पीएम मित्र पार्क का विस्तार कर क्षेत्र में कपड़ा उद्योग को और आगे बढ़ाने के लिए इसका उपयोग करने में सक्षम होगा। केंद्र सरकार विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक पीएम मित्र पार्क के लिए 300 करोड़ रुपये का कोष भी प्रदान करेगी। विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘यह पहल बड़े आकार की मितव्ययिता हासिल कर कपड़ा उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी। साथ ही लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी।’’ इस योजना से भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी और वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर सकेंगी।