महिंद्रा की जल्द ही इस वजह से मिलने वाले हैं करीब दो हजार करोड़ रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली: महिंद्रा को जल्द ही करीब 2 हजार करोड़ रुपये का चेक मिलने वाला है। दरअसल डच पेंशन फंड एपीजी एसेट मैनेजमेंट, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्प (IFC) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) महिंद्रा सस्टेन के रिन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में निवेश करने की दौड़ में हैं। यह निवेश करीब ₹2,080 करोड़ तक का होगा। बता दें कि ईटी ने सबसे पहले 26 अप्रैल को रिपोर्ट दी थी कि एपीजी सहित कई ग्लोबल इनवेस्टर्स ने महिंद्रा इनविट में निवेश करने में अपनी रुचि दिखाई थी। महिंद्रा सस्टेन के व्यवसायों की बात करें तो इसमें महिंद्रा ग्रुप की रिनेबल केंद्रित इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) इकाई (4 गीगावॉट से अधिक क्षमता निर्मित) और करीब 1.54 गीगावॉट ऑपरेशनल सोलर प्लांट सहित एक इंडिपेंडेंट पॉवर प्रोडक्शन (IPP) यूनिट शामिल है। इसमें संपूर्ण 1.54 GW को InvIT में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।Aeroflex Industries IPO: आज से एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज के आईपीओ में दांव लगाने का मौका, निवेश से पहले जानें सबकुछइन एसेट पर दे रहे ध्यानसूत्रों के मुताबिक, पोर्टफोलियो का उद्यम मूल्य करीब एक अरब डॉलर है। एपीजी, आईएफसी और एआईआईबी मौजूदा समय में उन एसेट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जो इनविट का हिस्सा हैं। बताया जा रहा है कि यह डील अगले दो से तीन महीनों में पूरी हो सकती है। इसमें स्थानीय निवेशक बाद में निवेश कर सकते हैं। एक नए निवेशक को बोर्ड में लाने से इनविट को उन मानदंडों को पूरा करने में मदद मिलेगी जिनके लिए इनविट में कम से कम पांच शेयरधारक होने की जरूरत होती है।महिंद्रा की गाड़ियों में गड़बड़ी, कंपनी ने वापस बुलाई 1 लाख से ज्यादा कारें, जानिए किस मॉडल में आई दिक्कतमहिंद्रा सस्टेन की 30 फीसदी हिस्सेदारीमौजूदा समय में कनाडाई फंड ओंटारियो टीचर्स पेंशन प्लान बोर्ड (ओटीपीपी) के पास महिंद्रा सस्टेन की करीब 30% हिस्सेदारी है, जिसे सितंबर 2022 में ₹2,371 करोड़ ($300 मिलियन) में अधिग्रहित किया गया था। ओटीपीपी के पास महिंद्रा सस्टेन की हिस्सेदारी के साथ-साथ इनविट में भी हिस्सेदारी होगी। हालांकि अभी इस बारे में महिंद्रा ग्रुप और एआईआईबी ने सवालों का जवाब नहीं दिया है। एपीजी और आईएफसी ने भी कुछ कहने से इनकार किया है।