नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) अपैरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (एईपीसी) ने मंगलवार को कहा कि भारत को मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) आधारित कपड़ों में अपनी हिस्सेदारी में वृद्धि के लिए सही कीमत पर गुणवत्तापूर्ण विस्कोज फाइबर की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है। संगठन के चैयरमैन ए सक्तिवेल ने कहा कि सरकार एमएमएफ वर्ग के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना भी पेश कर रही है जिससे घरेलू विनिर्माण एवं निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विस्कोज फाइबर जुटाने के विषय पर आयोजित एक वेबिनार में कहा, “हमें मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) आधारित कपड़ों में अपनी हिस्सेदारी में वृद्धि के लिए सही कीमत पर गुणवत्तापूर्ण विस्कोज फाइबर की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है।” एईपीसी की कार्यकारी समिति के सदस्य पी एम एस उप्पल ने कहा कि वर्तमान समय में उपभोक्ता अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), डिजाइन, नवोन्मेष, गति और कीमत सहित एक पूरे पैकेज पर ध्यान देता है। उन्होंने कहा, “हमें उन्हें एक पूरा पैकेज प्रदान करने की जरूरत है। ग्राहक 50 दिनों में ऑर्डर देने से लेकर सामान पहुंचाने तक की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद कर रहा है।” एईपीसी की व्यापार संवर्धन उप समिति के चैयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि सीमित संख्या में उत्पादक विस्कोज का निर्माण करते हैं और 10 उत्पादक पूरी दुनिया के उत्पादन के 80 प्रतिशत हिस्से का निर्माण करते हैं।