मुंबई, 20 जून (भाषा) सेंट्रम समूह और डिजिटल भुगतान सेवा प्रदाता स्टार्टअप कंपनी भारतपे का संयुक्त उद्यम महाराष्ट्र के संकट ग्रस्त सहकारी बैंक पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) में 1,800 करोड़ रुपये की पूंजी लगाएगा। सेंट्रम के एक शीर्ष अधिकारी ने इस योजना की जानकारी दी है। सेंट्रम समूह के कार्यकारी चेयरमैन जसपाल बिंद्रा ने पीटीआई भाषा से कहा कि हमने लघु ऋण बैंक के लिए 1,800 रुपये की पूंजी अलग रखी है। इसे अंतत: पीएसी बैंक में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें से 900 करोड़ रुपये पहले वर्ष में ही संयुक्त उद्यम द्वारा दिए जाएंगे। दोनों भागीदार इसका बराबार बराबर हिस्सा लगाएंगे।बाकी पूंजी बाद में लगायी जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को वित्तीय सेवा समूह की एक अनुषंगी कंपनी सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज को एक सूक्ष्म ऋण बैंक शुरू करने की सैद्धांतिक रूप से अनुमति दी। प्रस्तावित सूक्ष्म ऋण बैंक विशेष रूप से पीएमसी का अधिग्रहण करने के लिए बनाया जाएगा। सेंट्रम फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक फरवरी, 2021 को इस विशेष प्रयोजन से बैंक बनाने का प्रस्ताव रखा था। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी ने पीएमसी बैंक की ओर से प्रकाशित उस सूचना के संदर्भ में यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसमें पीएमसी बैंक के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र आमंत्रित किए गए थे। पीएमसी बैंक सितंबर 2019 से रिजर्व बैंक के प्रशासन के तहत काम कर रहा है। इस बैंक में जमाकर्ताओं का 10,723 करोड़ रुपये से अधिक धन अब भी फंसा है। इसी तरह बैंक के कुल 6,500 करोड़ रुपये के कर्ज वसूली में फंसे हैं जिन्हें एनपीए घोषित किया गया है। पीएमसी के अधिग्रहण के लिए सेंट्रम समूह ने गुरुग्राम की कंपनी भारतपे के साथ मिल कर रेजिलिएंट इनोवेशन्स नाम से एक संयुक्त उद्यम कंपनी पंजीकृत की है। इसमें दोनों की बराबर की हिस्सेदारी है। मौजूदा नियमों के तहत प्रस्तावित लघु ऋण बैंक का प्रवर्तन सेंट्रम समूह ही होगा।बिंद्रा ने कहा कि पीएससी बैंक के भारी भरकम एनपीए और नुकसान का आगे क्या होगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इस बैंक को प्रस्तावित लघु रिण बैंक में विलीन करने के संबंध में सरकार क्या-क्या शर्तें लगाती है।