कोलकाता, छह मार्च (भाषा) रेल उपक्रम ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड ने यूक्रेन को 1,000 करोड़ रुपये मूल्य के ढुलाई वाहनों की आपूर्ति को लेकर चल रही बातचीत पटरी से उतर जाने के बाद वैगनों की घरेलू मांग पर अपनी उम्मीदें टिकाई हैं। रेल मंत्रालय के तहत आने वाले इस सार्वजनिक उपक्रम की यूक्रेन के साथ 5,400 वैगनों का ऑर्डर हासिल करने के लिए बातचीत चल रही थी। ब्रेथवेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक यतीश कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इस निर्यात सौदे को लेकर चल रही बातचीत टूट गई। अगर यह सौदा संपन्न हो जाता तो ब्रेथवेट एंड कंपनी का सबसे बड़ा निर्यात ऑर्डर होता। यतीश ने कहा, ‘‘प्रस्तावित वार्ता अगर क्रियान्वयन चरण में टूटती तो कंपनी मुश्किल में पड़ सकती थी। हालांकि, घरेलू स्तर पर वैगन की मांग काफी बढ़ गई है और निर्यात ऑर्डर हासिल करने में हुई देरी ने हमें भारतीय आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर किया है।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के साथ मिलकर ‘‘ट्रेन पर ट्रक चढ़ाने-उतारने की अवधारणा’’ पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आरडीएसओ डिजाइन के साथ एक प्रोटोटाइप बनाया गया है और मौजूदा विषम परिस्थितियों ने हमें घरेलू बाजार में अतिरिक्त ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।’’ कुमार ने उम्मीद जताई कि मजबूत घरेलू मांग और ऑर्डर के साथ ब्रेथवेट आय को चार गुना बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये करने के बारे में आशावादी है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 31 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के साथ 609 करोड़ रुपये की आय दर्ज की थी। इसने वर्ष 2020-21 में 322 करोड़ रुपये में रेलवे को 1,023 वैगन की आपूर्ति की थी।