जोधपुर, 29 जून (भाषा) राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जैसलमेर में पोखरण के पास अडाणी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी को आवंटित 1,452 बीघा जमीन का आवंटन निरस्त करने का आदेश दिया। यह भूमि जनोपयोगी सेवाओं के लिये थी। न्यायालय के इस आदेश से अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड (एआरईपीआरएल) की सौर बिजली परियोजना को झटका लगा है। कंपनी को पोखरण के पास नेदान गांव में 6,115 बीघा जमीन आवंटित की गई थी। यह भूमि 2018 में बिजली संयत्र लगाने के लिये आवंटित की गई थी। राजस्थान उच्च न्यायालय की न्यायमूति संगीत लोढा और रामेश्वर व्यास की डिवीजन पीठ ने इसके साथ ही राजस्थान सरकार को एआरईपीआरएल और एस्सल सूर्या ऊर्जा कंपनी आफ राजस्थान लिमिटेड (ईएसयूसीआरएल) को तीन गांव में आवंटित जमीन का सर्वेक्षण करने को कहा भी है। ये तीन गांव — नादेन, ग्रास और नाग्नेचिनागर हैं। न्यायालय ने इन भूखंडों के आवंटन को भी रद्द करने का निर्देश दिया है। उसने कहा कि यदि इन भूखंड का कोई हिस्सा जनोपयोगी सेवाओं के लिये आवंटित किया गया पाया जाता है तो कंपनियों को इनका आवंटन रद्द किया जाये। न्यायालय ने यह आदेश बरकत खान और 23 अन्य द्वारा दायर याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक इस्तेमाल की भूमि का आवंटन सौर ऊर्जा कंपनियों को किये जाने पर एतराज जताया है।