नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) आयकर विभाग ने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) संग्रह करने वालों के लिए एक नई व्यवस्था तैयार की है। इसके जरिये रिटर्न फाइल नहीं करने वाले उन ‘निर्दिष्ट व्यक्तियों’ की पहचान में आसानी होगी जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से कर वसूला जाएगा। इससे अनुपालन बोझ कम होगा। एक जुलाई से पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है। इसका प्रावधान वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में किया गया है।नई व्यवस्था के तहत टीडीएस काटने वाले और टीसीएस संग्रह करने वालों को केवल वित्त वर्ष की शुरूआत में संबंधित इकाई के पैन को तैयार की गयी नई सुविधा पर जांच करनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी किया। सीबीडीटी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इन दोनों प्रावधानों को लागू करने के लिए टीडीएस काटने या टीसीएस संग्रह करने वालों के लिए खुद को संतुष्ट होने को लेकर इस बारे में अतिरिक् त जांच-परख करना आवश्यक था कि भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप् तकर्ता एक ‘निर्दिष्ट व्यक्ति’ है या नहीं। इसके परिणामस्वरूप इस तरह के कर कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता पर अनुपालन का अतिरिक्त बोझ पड़ता था। विभाग के अनुसार, ‘‘इस अनुपालन बोझ को कम करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक नई सुविधा धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच शुरू की है। यह सुविधा पहले से ही आयकर विभाग के रिपोर्टिंग पोर्टल (https://report.insight.gov.in) के माध्यम से दी जा रही है।’’टीडीएस काटने वाला या टीसीएस प्राप्त करने वाला पोर्टल पर संबंधित इकाई एक पैन (पैन सर्च) या एक से अधिक पैन (बल्क सर्च) को डाल सकता है और यदि यह भुगतान प्राप्तकर्ता/संग्रह प्राप् तकर्ता एक ‘निर्दिष्ट व्यक्ति है’, तो वह इस सुविधा के माध् यम से संबंधित प्रतिक्रिया या जवाब प्राप्त कर सकता है। बयान के अनुसार, ‘‘इस नई व्यवस्था से टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रह करने वालों के लिये अनुपालन बोझ कम होगा….।’’ आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में ‘विशिष्ट व्यक्तियों’ की सूची तैयार कर ली है। यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है। इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिये रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है। बयान के अनुसार इस नई सुविधा के जरिए सरकार ने करदाताओं के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।