नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि 2019-2020 में भारतीय रेलवे का 98.36 प्रतिशत परिचालन अनुपात उसके वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन को नहीं दर्शाता है। कैग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि यदि पेंशन भुगतान पर वास्तविक खर्च को ध्यान में रखा जाए तो यह अनुपात 114.35 प्रतिशत होना चाहिए। परिचालन अनुपात (ओआर) दरअसल यातायात के जरिये आय और कार्यशील व्यय के अनुपात को बताता है। उच्च अनुपात अधिशेष उत्पन्न करने की खराब क्षमता को इंगित करता है। रेलवे को अपने 15.5 लाख से अधिक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के रूप में 50,000 करोड़ रुपये देने पड़ रहे हैं। इससे वह पहले से वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है। रेलवे ने वित्त मंत्रालय से कई बार पेंशन फंड बनाकर उसे पेंशन के बोझ से मुक्त करने की मांग भी की है।संसद में पेश कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि बजट अनुमानों में 95 प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले भारतीय रेलवे का परिचालन अनुपात 2019-20 में 98.36 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘परिचालन अनुपात 2018-19 में 97.29 प्रतिशत से बढ़कर 2019-20 में 98.36 प्रतिशत हो गया। वही अगर पेंशन भुगतान पर वास्तविक खर्च को ध्यान में रखा जाए तो रेलवे का परिचालन अनुपात 2019-20 में 98.36 प्रतिशत के बजाय 114.35 प्रतिशत होता।” कैग ने कहा कि इसलिए रेलवे द्वारा दर्शाया गया 98.36 प्रतिशत परिचालन अनुपात उसके वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन को नहीं दर्शाता है।