नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) नई वंदे भारत ट्रेन के विकास की दौड़ में बाम्बार्डियर , सीमेंस और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बेल) समेत कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बुधवार को कहा कि आगामी तीन सालों में इस तरह की कुल 400 उच्च गति वाली ट्रेन का निर्माण किया जाना है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 तक इस तरह की 75 ट्रेन का लक्ष्य पूरा करने के लिए 44 ट्रेन पहले से ही निर्माण की प्रक्रिया में हैं। इस लक्ष्य का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपन संबोधन के दौरान किया था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस तरह की 58 ट्रेन के लिए प्रोपल्शन सिस्टम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अधिकारी ने बताया कि मुंबई की सीजी पावर इंडस्ट्रियल सल्यूसंस लिमिटेड और हिंदू रेक्टिफायर्स लिमिटेड, परनावू की इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद की मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई स्थित सैनी इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग वर्क्स और सीमेन लिमिटेड और कोलकाता स्थित टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड टेंडर प्रक्रिया में शामिल हैं। वंदे भारत के दूसरे संस्करण की पहली प्रोटोटाइप ट्रेन मई में आईसीएफ,चेन्नई पेश करेगा, जबकि दूसरी ट्रेन जून 2022 तक शुरू होने की संभावना है। आरडीएसओ के परीक्षण के बाद ये ट्रेन को जुलाई-सितंबर तक सेवा देने लगेंगी। 160 किमी प्रति घंटे की गति की क्षमता के साथ दो वंदे भारत ट्रेन वर्तमान में चल रही हैं। इनमें पूरी तरह से वातानुकूलित चेयर कार हैं। प्रत्येक ट्रेन में 16 कोच होते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आगामी तीन साल में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने का ऐलान किया।