नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने बृहस्पतिवार को ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों के साथ सहयोग के मुख्य क्षेत्रों पर चर्चा की। यह सहयोग ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों की अर्थव्यवस्थाओं के पुनरूद्धार और वृहत आर्थिक स्थिरता बनाये रखने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। साथ ही इससे भविष्य की अनिश्चितताओं से सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी जैसे संकट से निपटने में ब्रिक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और आगे भी निभाता रहेगा। वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार सीतारमण ने ‘ऑनलाइन’ माध्यम से यहां भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर (एफएमसीबीजी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक ब्रिक्स लीडर्स समिट 2021 के पहले इस साल ब्रिक्स वित्तीय एजेंडे के मुख्य निष्कर्षों पर चर्चा और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए हुई है। बैठक के दौरान, एफएमसीबीजी ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर के बयान तथा महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में ब्रिक्स देशों के नीतिगत अनुभवों के औपचारिक ब्योरे के साथ कोविड-19 संकट से निपटने के लिये उठाये गये कदमों का अनुमोदन किया। अध्यक्ष के रूप में, सीतारमण ने कहा कि वैश्विक समुदाय के सामने भारत इस बयान को काफी महत्व देता है। क्योंकि इससे महामारी के बाद के सुधार पर वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत संवाद को रेखांकित करने वाले महत्वपूर्ण पहलुओं पर ब्रिक्स देशों के विचारों को सर्वसम्मति से एक आवाज मिलती है। इस मौके पर ‘सामाजिक बुनियादी ढांचा पर तकनीक रिपोर्ट: डिजिटल तकनीकों का उपयोग और वित्त पोषण’ पर रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गयी। यह रिपोर्ट सामाजिक बुनियादी ढांचा पर ब्रिक्स देशों के बीच ज्ञान साझा करने की दिशा में एक विशेष कवायद है। इसमें विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों की सरकारों के पहुंच बढ़ाने और सेवा आपूर्ति में सुधार में डिजिटल तकनीकों के उपयोग से जुड़ा विवरण शामिल है। ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों ने सीमा शुल्क से जुड़े मामलों में सहयोग और द्विपक्षीय प्रशासनिक सहायता (सीएमएए) को लेकर बातचीत के निष्कर्ष पर पहुंचने तथा सीमा शुल्क से संबंधित अन्य मामलों में प्रगति का भी स्वागत किया। आरबीआई गवर्नर दास ने बैठक में केंद्रीय बैंकों से जुड़े मुद्दों और उनके निष्कर्षों पर हुए विचार-विमर्श की अध्यक्षता की। इसमें वित्तीय समावेश, आकस्मिक आरक्षित व्यवस्था (सीआरए) और सूचना सुरक्षा सहयोग शामिल हैं।