नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की समाधान योजना के मामले में कर्जदाताओं ने अपना रुख बदल दिया है। समाधान योजना के तहत केवल 5 प्रतिशत राशि प्राप्त करने को लेकर खिंचाई होने के बाद कर्जदाताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष अर्जी देकर कर्ज में डूबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के मामले में फिर से बोली आमंत्रित करने की अनुमति देने का आग्रह किया है। उद्योगपति अनिल अग्रवाल की ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण को लेकर 2,962 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। यह कुल दावा राशि 64,838.63 करोड़ रुपये का केवल 4.15 प्रतिशत है। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को कर्ज दे रखे बैंकों के समूह की तरफ से भारतीय स्टेट बैंक ने अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर कर कर्ज में डूबे समूह के लिये फिर से बोली मंगाने की अनुमति देने का आग्रह किया है। इससे पहले अनिल अग्रवाल की कंपनी द्वारा वीडियोकॉन समूह के लिये काफी कम राशि की बोली लगाये जाने पर काफी टीका- टिप्पणी हुई है। न्यायाधीश जरत कुमार जैन की अध्यक्षता वाले और सदस्य के नरहरि की दो सदस्यीय एनसीएलएटी पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिये 27 सितंबर की तारीख तय की है।कर्जदाताओं की समिति में सर्वाधिक मतदान अधिकार 18.05 प्रतिशत एसबीआई के पास है। उसने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 2,962 करोड़ रुपये की ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की बोली को स्वीकार करते हुए कम राशि की पेशकश को लेकर कुछ टिप्पणियां की थी। यहां तक कि अपीलीय न्यायाधिकरण ने भी समाधान योजना पर अंतरिम रोक लगाते हुए ‘असाधारण तथ्य’ होने की बात कही थी। उल्लेखनीय है कि नौ जून को एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने कर्ज में डूबी समूह की 13 कंपनियों के लिये ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की 2,962 करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दी थी। हालांकि, समाधान योजना से असंतुष्ट कर्जदताओं बैंक ऑफ महाराष्ट्र और आईएफसीआई लि. की अर्जी पर एनसीएलटी के आदेश पर अपीलीय न्यायाधिकरण ने 19 जुलाई को रोक लगा दी और यथास्थिति बनाये रखे का आदेश दिया। एसबीआई ने जवाबी हलफनामे में कहा कि समाधान योजना में केवल 5 प्रतिशत कर्ज की वसूली को लेकर असंतुष्ट वित्तीय कर्जदाताओं की दलील और एनसीएलटी तथा अपीलीय न्याधिकरण की मामले में की गयी टिप्पणियों को देखते हुए इस पर पुनर्विचार की जरूरत है। असंतुष्ट वित्तीय कर्जदाताओं ने अपनी दलील में कहा कि परिसमापन मूल्य के बारे में उनकी हिस्सेदारी को लेकर जानकारी नहीं दी गयी, जिसके कारण वे उचित और उपयुक्त निर्णय नहीं कर सके। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और उसकी 12 समूह कंपनियों पर कुल 64,838.63 करोड़ रुपये बकाया का दावा है। इससे पहले, एनसीएलटी ने अपने आदेश में ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की 2,962.02 करोड़ रुपये की बोली को स्वीकार करते हुए कहा था कि कर्ज में फंसी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लि. के कर्जदाता दिये गये कुल कर्ज में करीब 96 प्रतिशत कम राशि ले रहे हैं और बोलीदाता देखा जाए तो कुछ भी नहीं दे रहा। एनसीएलएटी ने इससे पहले वीडियाकॉन समूह के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वेणूगोपाल धूत की याचिका को भी सुनवाई के लिये स्वीकार कर लिया था। धूत ने भी समूह की 13 समूह कंपनियों के लिये 2,962 करोड़ रुपये की ट्विन स्टार टैक्नालाजीज की बोली को स्वीकार किये जाने के एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी।