नई दिल्ली: भारत को सेमीकंडक्टर का हब बनाने का सपना देखने वाले वेदांता समूह का फाउंडर अनिल अग्रवाल ने हार नहीं मानी। फॉक्सकॉन 19.5 अरब डॉलर के सौदे से पीछे हटने के बाद उन्होंने चिप बनाने के लिए नया पार्टनर खोज लिया है। उन्होंने खुद इस बारे में जानकारी दी और कहा कि कंपनी को भारत में अपनी सेमीकंडक्टर यूनिट बनाने के लिए नया पार्टनर खोज लिया है। उन्होंने कहा कि वो जल्द ही वो इसे लेकर डील करने वाले हैं।3 कंपनियों के साथ टाइअपअंग्रेजी अखबार मिट के साथ बातचीत में अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी सेमीडक्टर मेनुफैक्टचरिंग के लिए तीन फर्म के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि फाउंड्री, चिप्स और पैकेजिंग और परीक्षण क लिए तीन अलग-अलग कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अगले ढ़ाई साल में भारत में पहला सेमीकंडक्टर चिप तैयार करना है। आपको बता दें कि वेदांता को कुछ दिन पहले से ताइवान की टेक कंपनी फॉक्सकॉन से झटका मिला था। इस झटके के बाद अनिल अग्रवाल ने हार नहीं मानी और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए नया वर्ल्ड क्लास पार्टनर खोल लिया है। गुजरात में आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी वेदांता सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब के मैन्युफैक्चरिंग के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत में सिलिकॉन वैली बनाने के लिए गुजरात सबसे सही जगह है।ताइवान की कंपनी ने मिला झटकादरअसल वेदांता और ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के बीच सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज्वाइंट वेंचर बनाने की बातचीत चल रही थी। दोनों के बीच 19.5 अरब डॉलर की डील हुई थी। लेकिन आखिरी मौके पर फॉक्सकॉन ने अपने कदम पीछे खींच लिए। दोनों कंपनियों ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाने के लिए बीते साल समझौता किया था, लेकिन अब फॉक्सकॉन से खुद को इस समझौते से बाहर कर लिया। अनिल अग्रवाल ने फॉक्सकॉन से मिले झटके के बाद दूसरी कंपनी के साथ डील के लिए बातचीत शुरू कर दी है। वहीं अमेरिकी चिप निर्माता एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (AMD) ने भी कहा है कि वह अगले पांच वर्षों में भारत में लगभग 400 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी।