नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) में भारत को 101वां स्थान मिलने पर विपक्षी दलों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की। हालांकि, सरकार ने जीएचआई को तैयार करने के लिए अपनाए गए तरीके को “अवैज्ञानिक” करार दिया है। सूची में भारत की रैंकिंग फिसलने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भूख में “नए कीर्तिमान” रचे गए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि अगर देश के लोगों को ठीक से भोजन भी नहीं मिल पा रहा है तो सिंहासन पर बैठे शासक की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान खड़ा होता है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) द्वारा भूख को समाप्त करने के लिए किये गए प्रयासों, जैसे ‘भोजन का अधिकार’ अधिनियम, में संशोधन कर दिया गया है और गरीबों को असहाय छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार को अपनी विफलताओं को खुद ठीक करना होगा।” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की। राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की गरीब विरोधी योजनाओं के कारण भारत को सूचकांक में 116 में से 101वां स्थान प्राप्त हुआ। शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की।