नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुख से तय होगी। विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर बड़े वृहद आर्थिक आंकड़े नहीं आने हैं, ऐसे में निवेशकों की निगाह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर निर्णय और वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। बीते सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी अपने नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए। विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों और दूरसंचार, बैंकिंग और वाहन क्षेत्र में सरकार के सुधारों से बाजार की धारणा मजबूत हुई। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘ हालिया समय में बाजार ने काफी शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि वैश्विक बाजारों में कुछ कमजोरी आई है। ऐसे में यह सप्ताह भारतीय बाजारों की दृष्टि से महत्चपूर्ण रहेगा। इसके अलावा 21 और 22 सितंबर को होने वाली एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के नतीजे भी बाजार को प्रभावित करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अलावा बैंक ऑफ जापान भी इस सप्ताह 22 सितंबर को अपनी मौद्रिक समीक्षा पेश करेगा। मीणा ने कहा कि डॉलर सूचकांक का उतार-चढ़ाव तथा अमेरिकी बांड पर प्राप्ति भी भारत जैसे उभरते बाजारों के बर्ताव को प्रभावित करेगी। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 710 अंक या 1.21 प्रतिशत के लाभ में रहा। बृहस्पतिवार को पहली बार सेंसेक्स 59,000 अंक के स्तर पर पहुंचा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले इस सप्ताह बाजारों में बेचैनी देखी जा सकती है।’’ कोटक सिक्योरिटीज लि. के प्रमुख (इक्विटी शोध-खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि फेडरल रिजर्व की दो दिन की बैठक 21 सितंबर से होगी। वैश्विक बाजारों की निगाह उसके बांड खरीद कार्यक्रम पर रहेगी। सैमको सिक्योरिटीज के एक नोट में कहा गया है कि दुनियाभर के निवेशकों की निगाह एफओएमसी की बैठक पर रहेगी। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव तथा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों से भी बाजार की दिशा तय होगी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह वैश्विक स्तर पर सभी की निगाह फेडरल रिजर्व सहित अन्य केंद्रीय बैंकों की नीतिगत बैठकों पर रहेगी।