नई दिल्ली: सरकार की एक और कंपनी बिकने जा रही है। सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Shipping Corporation of India) के नॉन-कोर एसेट बिजनस एससीआईएलएएल (SCILAL) की इसी महीने शेयर मार्केट में लिस्टिंग करने जा रही है। उसके बाद शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के निजीकरण के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। सरकार ने कंपनी की नॉन-कोर एसेट्स को अलग कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड में विभाजित कर दिया है। 31 मार्च, 2022 तक इस कंपनी का मूल्यांकन 2,392 करोड़ रुपये था। डिमर्जर प्रोसेस के तहत एससीआईएलएएल को शेयर बाजारों में लिस्ट किया जाएगा और एससीआई के प्रत्येक शेयरधारक को एससीआईएलएएल का एक शेयर मिलेगा।एक अधिकारी ने बताया कि एससीआईएलएएल की शेयर बाजार में लिस्टिंग इसी महीने होगी। उसके बाद एससीआई के निजीकरण को लेकर चीजें साफ होंगी और फिर फाइनेंशियल बिड्स आमंत्रित की जाएंगी। फिलहाल एससीआई में सरकार की 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने फरवरी में शिपिंग कॉरपोरेशन और एससीआईएलएएल के बीच व्यवस्था को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर, 2020 में शिपिंग कॉरपोरेशन के रणनीतिक निवेश को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी। दिसंबर, 2020 में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ एससीआई में अपनी पूरी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए रुचि पत्र (EOI) आमंत्रित किए थे।PSU Privatisation: इन सरकारी कंपनियों का नहीं होगा प्राइवेटाइजेशन, फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने गिनाए नामडाइवेस्टमेंट टारगेटमार्च, 2021 में सरकार को एससीआई के निजीकरण के लिए कई ईओआई मिले थे। इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। कंपनी के पास बल्क कैरियर्स, क्रूड ऑयल टैंकर्स, प्रॉडक्ट टैंकर्स, कंटेनर वेसल्स, पैसेंजर कम कार्गो वेसल्स, एलपीजी एंड ऑफशोर सप्लाई वेसल्स भी हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। अभी तक सरकार ने अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री से 4,235 करोड़ रुपये जुटाए हैं।