नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) संसद की एक समिति ने मंगलवार को कहा कि देश में नकली कीटनाशकों की बिक्री को रोकने के लिए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020 के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर प्रस्तावित जुर्माना और जेल की सजा ‘आवश्यक’ है। उद्योग संगठनों की तरफ से जतायी गयी चिंता के बीच समिति ने यह बात कही है। भाजपा सांसद पीसी गद्दीगौदर की अध्यक्षता वाली कृषि पर संसद की स्थायी समिति ने मंगलवार को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की। विधेयक में पहले दो अपराधों के लिए मौद्रिक जुर्माना का प्रावधान है, जबकि तीसरी बार गड़बड़ी करने में शामिल पाये जाने पर एक साल की जेल की सजा का प्रस्ताव किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति ऐसे दंडात्मक प्रावधानों को शामिल करने के लिए सरकार की सराहना करती है, जो किसानों व अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।’’ समिति ने कहा कि अपराध और सजा के संबंध में विधेयक में प्रावधान, गड़बड़ी रोकने के लिए ‘आवश्यक’ हैं। समिति ने कहा, ‘‘ उसे इस बात की जानकारी है कि देश नकली कीटनाशकों की भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है जो किसानों को प्रभावित करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इस विधेयक के तहत अपराधों को वर्गीकृत किया गया है और केवल तीसरी सजा पर अधिक जुर्माना लगता है। इसके अलावा, बिना लाइसेंस या अपंजीकृत, प्रतिबंधित कीटनाशकों की बिक्री जैसे अधिक गंभीर अपराध पर अधिक कठोर दंड का प्रस्ताव है। विभिन्न पक्षों के साथ परामर्श के दौरान, उद्योग मंडल फिक्की ने समिति के समक्ष कहा था कि सजा को छोटे या बड़े अपराधों के आधार पर अलग करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने छोटे अपराधों को अपराध से मुक्त करने का भी सुझाव दिया था। दूसरी तरफ, किसान संगठन भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं के लिए भी कड़ी सजा की मांग की थी। इसने उल्लंघन के लिए 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल की सजा का सुझाव दिया। समिति ने विधेयक के तहत शक्तियों के दुरूपयोग को रोकने को लेकर निरीक्षकों और कीटनाशक विश्लेषकों के खिलाफ एक ठोस शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने की भी सिफारिश की है। कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020 को 2 जून, 2021 को कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति को विचार के लिए भेजा गया था।