नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) सरकार वैश्विक एवं घरेलू स्तर पर उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक नया सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम लाने की तैयारी में है। कोविड-19 महामारी का प्रबंधन एवं संबंधित मुद्दों के संबंध में गृह कार्य संबंधी स्थायी समिति की सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। यह रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में पेश की गई थी । इसमें कहा गया है, ‘‘ वैश्चिक एवं घरेलू स्तर पर स्वास्थ्य के उभरते परिदृश्य एवं इसकी व्यवस्था को मजबूत बनाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एक नया सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम लाना चाहता है। ’’ रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने सिफारिश की थी कि यद्यपि महामारी अधिनियम 1897 के उपबंधों से कोविड-19 के प्रबंधन में सहायता मिली परंतु यह अधिनियम पुराना पड़ चुका है क्योंकि यह 1918 की स्पैनिश फ्लू से भी काफी पहले औपनिवेशिक युग में बनाया गया था । इसमें कहा गया कि समिति सिफारिश करती है कि महामारी अधिनियम 1897 की समीक्षा तथा इसे अद्यतन एवं संशोधित किया जाना चाहिए ताकि यह भविष्य में महामारियों के अप्रत्याशित हमले से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये पूर्ण रूप से सक्षम हो सके । एक प्रश्न के उत्तर में गृह मंत्रालय ने समिति को सूचित किया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की गहन समीक्षा के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य कमल किशोर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी । मंत्रालय ने बताया, ‘‘ समिति की बैठक 17 जून 2021 को आयोजित की गई थी और समीक्षा चल रही है। ’’