नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को कहा कि सरकार श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने महामारी के दौरान श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के कल्याण के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी देने वाली पुस्तिका जारी करते हुए यह बात कही। गंगवार ने कहा कि हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि सुविधाएं और योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचे जिनके लिए ये तैयार किए गए हैं। श्रम मंत्रालय ने गंगवार के हवाले से एक बयान में कहा कि सरकार महामारी के चलते उत्पन्न स्थिति से अवगत है। ‘‘मंत्रालय श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा करने तथा उन्हें कठिनाइयों से बचाने के लिए उत्तरदायी तरीके से अतिरिक्त कदम उठाना जारी रखेगा।’’ उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने नियोक्ताओं पर बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय दायित्व के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभों को व्यापक और विस्तृत बनाया है। ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) और ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) योजनाओं के तहत सामाजिक सुरक्षा के प्रावधानों में अब और अधिक ढील दी गई है। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के बीच परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य तथा जीवन के बारे में श्रमिकों के भय और चिंता को दूर करना है। बयान के अनुसार ईपीएफओ की कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना (ईडीएलआई) के तहत इससे जुड़े सदस्यों के परिवार के सभी जीवित आश्रित सदस्य, बीमित सदस्य की मृत्यु होने पर ईडीएलआई का लाभ लेने के पात्र हैं। वर्तमान में, इस योजना के तहत कर्मचारी की मौत के मामले में दिए गए लाभों का विस्तार किया गया है। अब ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए न्यूनतम सेवा की जरूरत नहीं है, पारिवारिक पेंशन का भुगतान ईपीएफ और विविध प्रावधान अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है। कर्मचारी के बीमार होने और कार्यालय न आने की स्थिति में साल में 91 दिनों के लिए बीमारी लाभ के रूप में कुल मजदूरी का 70 फीसदी का भुगतान किया जाता है। गंगवार ने कहा कि ईएसआईसी के मामले में 15 दिनों के भीतर और ईपीएफओ के संदर्भ में 7 दिनों से कम समय में शिकायतों का समाधान किया जाएगा।