सरकार का बड़ा फैसला, बैटरी ऊर्जा भंडारण सिस्टम के लिए 3,760 करोड़ का फंड हुआ मंजूर – fund of rs 3760 crore approved for battery energy storage system

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना के लिए बुधवार को 3,760 करोड़ रुपये के व्यवहार्यता अंतर कोष (VGF) को मंजूरी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की स्थापना से संबंधित 3,760 करोड़ रुपये की समूची राशि का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि यह कोष वर्ष 2030-31 तक पांच किस्तों में जारी किया जाएगा। इससे 4,000 मेगावाट घंटे का ऊर्जा भंडार तैयार करने में मदद मिलेगी।ठाकुर ने कहा कि व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण से 9,500 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। भारत ने अगले कुछ वर्षों में अपनी आधी ऊर्जा जरूरतों को नवीकरणीय ऊर्जा और गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। भंडारण प्रणाली की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना के वास्ते 1,164.53 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन को भी बुधवार को मंजूरी दी। वर्ष 2028-29 तक 774 पंजीकृत इकाइयों के लिए औद्योगिक विकास योजना-2017 के तहत प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता थी। अतिरिक्त फंड इसलिए मंजूर किया गया है, क्योंकि अप्रैल, 2017 से मार्च, 2022 के दौरान 131.90 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय परिव्यय समाप्त हो गया है।आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘2028-2029 तक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए 1,164.53 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड की आवश्यकता है। इस अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय के आवंटन के लिए औद्योगिक विकास योजना-2017 के तहत मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी गई थी।’फैसले के संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि योजना के तहत 774 इकाइयां रजिस्टर्ड थीं और अतिरिक्त धनराशि उन्हें दी जाएगी। इन इकाइयों ने करीब 49,000 रोजगार के सृजन में मदद की है। सरकार इन दोनों राज्यों में निवेश के लिए कंपनियों को योजना के तहत प्रोत्साहन प्रदान करती है। इन प्रोत्साहनों में ऋण और बीमा तक पहुंच शामिल है।