नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को छह प्रौद्योगिकी नवोन्मेष मंचों की शुरुआत की जो भारत में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विनिर्माण के लिए तकनीक विकास पर ध्यान देंगे। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये मंच भारत के सभी तकनीकी संसाधनों और संबंधित उद्योग को एक मंच पर लाने में मदद करेंगे। इससे घरेलू उद्योग के सामने आने वाली तकनीक संबंधी समस्याओं की पहचान करने और उनके लिए लोगों से हल जुटाने में मदद मिलेगी। इससे इन मंचों पर व्यापक चुनौतियों के जरिए स्वदेशी मूल विनिर्माण तकनीकों के विकास की सुविधा मिलेगी। भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय ने कहा कि ये मंच ओईएम (मूल उपकरण विनिर्माता), पहली, दूसरी एवं तीसरी श्रेणी की कंपनियों एवं कच्चे सामग्री के निर्माताओं, स्टार्ट-अप, क्षेत्र वे विशेषज्ञ/पेशेवर, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संस्थान और शिक्षा क्षेत्र सहित उद्योग को तकनीकी समाधान, सुझाव और विनिर्माण तकनीकों से जुड़ी समस्याओं पर राय देने में मदद करेंगे। इसके अलावा इनसे अनुसंधान एवं विकास और दूसरे तकनीकी पहलुओं के संबंध में ज्ञान के आदान-प्रदान की भी सुविधा मिलेगी। इन मंचों पर पहले से ही 39,000 से ज्यादा छात्रों, विशेषज्ञों, संस्थानों, उद्योगों, और प्रयोगशालाओं का पंजीकरण हो चुका है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास, केंद्रीय विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई), इंटरनेशनल सेंटर फोर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसियेशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), भेल और एचएमटी ने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर की मदद से इन मंचों विकसित किया है।