नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण के लिए सरकार साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) कानून (जीआईबीएनए) में संशोधनों पर काम कर रही है। इस बारे में एक विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में लाया जा सकता है। संसद का मानसून 19 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। यह कानून 1972 में अस्तित्व में आया था। इसके तहत भारतीय बीमा कंपनियों और अन्य मौजूदा बीमा कंपनियों के उपक्रमों के शेयरों का अधिग्रहण और स्थानांतरण किया जा सकता है, जिससे साधारण बीमा कारोबार के विकास के जरिये अर्थव्यवस्था की जरूरत को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके। सूत्रों ने कहा कि जीआईबीएनए में संशोधनों पर काम चल रहा है। साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण में मदद के लिए इन्हें संसद के आगामी सत्र में रखा जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों तथा एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी। वित्तीय क्षेत्र के निए विनिवेश रणनीति के तहत सरकार ने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का विशाल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने तथा आईडीबीआई बैंक में शेष हिस्सेदारी की बिक्री का फैसला किया है। सरकार ने 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।