मुंबई, 31 दिसंबर (भाषा) भारत में विदेशी-स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां सितंबर तिमाही में 37.3 अरब डॉलर तक बढ़ गईं जबकि भारतीय नागरिकों की विदेशी परिसंपत्तियों में 31.9 अरब डॉलर की ही बढ़त हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को भारत की अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी) के बारे में जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में देनदारियां 1,258.9 अरब डॉलर रहीं जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 1,221.6 अरब डॉलर थी। सितंबर 2021 के अंत में परिसंपत्तियां 927.1 अरब डॉलर रहीं जो जून तिमाही के 895.2 अरब डॉलर से अधिक है। आरबीआई ने कहा, “भारत में विदेशी स्वामित्व वाली परिसंपत्तियां 37.3 अरब डॉलर बढ़ गईं। इसकी तुलना में भारतीय निवासियों की विदेशी वित्तीय परिसंपत्तियां 31.9 अरब डॉलर ही बढ़ीं। इसका करीब तीन-चौथाई हिस्सा आरक्षित परिसंपत्तियों में आया।” आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में अनिवासियों का भारत पर शुद्ध दावा 5.4 अरब डॉलर बढ़ गया। अंतरराष्ट्रीय देनदारियों के अनुपात में अंतरराष्ट्रीय परिसंपत्तियां क्रमिक रूप से सुधार की राह पर हैं। जुलाई-सितंबर 2021 में यह अनुपात 73.6 फीसदी था जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 70.4 फीसदी रहा था।