नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) भारत व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने कहा है कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की निर्यातक इकाइयों को उनके द्वारा उत्पाद में किए गए मूल्यवर्धन के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और इन क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया जा सकेगा। टीपीसीआई के संस्थापक चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि जब घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) में वस्तुओं की बिक्री की बात आती है, तो सेज का निर्यातक तथा विदेशी निर्यातक एक समान माने जाते हैं। सेज पर टीपीसीआई के वेबिनार को संबोधित करते हुए सिंगला ने कहा कि ऐसे में सेज के निर्यातक को उसके द्वारा उत्पाद में किए गए मूल्यवर्धन के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। सिंगला ने कहा कि उसे कच्चे माल का आयात शून्य शुल्क पर करने की अनुमति होनी चाहिए और साथ ही मूल्यवर्धन के अनुपात में उसे शुल्क छूट मिलनी चाहिए। इससे अन्य देशों से उत्पाद आयात करने की तुलना में वह बेहतर स्थिति में रहेगा। क्षेत्रीय विकास आयुक्त, विशाखापत्तनम ए आर एम रेड्डी ने कहा कि भारत में सेज का प्रदर्शन काफी अच्छा है। इन क्षेत्रों से निर्यात लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों से निर्यात 2005-06 में 23,000 करोड़ रुपये रहा था, जो महामारी के बावजूद 2020-21 में बढ़कर 5.53 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। देश के कुल निर्यात में सेज और निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) का हिस्सा करीब 30 प्रतिशत है।