हाइलाइट्सअमेरिका में अंतिम बार न्यूनतम वेतन 2009 में बढ़ाया गया थादेश में आधिकारिक रूप से न्यूनतम वेतना 7.25 डॉलर प्रति घंटे हैसर्विस इंडस्ट्री में लो-स्किल्ड वर्कर्स के लिए 15 डॉलर प्रति घंटे का ऑफरवॉशिंगटनअमेरिका कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। लेकिन अब वहां धीरे-धीरे हालात सामान्य होते जा रहे हैं। करीब एक साल के लॉकडाउन के बाद अब लोग बाहर निकल रहे हैं और जमकर खर्च कर रहे हैं। इससे रेस्टोरेंट, रीटेल और ट्रैवल इंडस्ट्रीज में मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मांग को पूरा करने के लिए सर्विस इंडस्ट्री वर्कर्स को प्रति घंटे 15 डॉलर यानी करीब 1100 रुपये ऑफर कर रही हैं।अमेरिका में अंतिम बार न्यूनतम वेतन 2009 में बढ़ाया गया था। यह 7.25 डॉलर प्रति घंटे है। लेकिन देश में कई लो-स्किल्ड वर्कर्स के लिए 15 डॉलर प्रति घंटे कमाना वास्तविकता बनती जा रही है। 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 15 डॉलर करने की वकालत की गई थी। इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि इससे कम वेतन पाने वाले वर्कर्स को अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने और आर्थिक असमानता को कम करने का मौका मिलेगा।इन 3 सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री के बाद आएगा एलआईसी का मेगा आईपीओ10 साल से हो रही मांगअब कई कंपनियां वर्कर्स को 15 डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान कर रही हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा में इकनॉमिस्ट Aaron Sojourner ने कहा कि यह नंबर महज संयोग नहीं है। 10 साल से इसकी मांग की जा रही है। अब भी कई अमेरिकी वर्कर्स को हर घंटे 15 डॉलर से कम पैसा मिल रहा है। Congressional Budget Office के मुताबिक 2025 तक भी करीब 1.7 करोड़ वर्कर्स इस स्तर तक नहीं पहुंच पाएंगे।ZipRecruiter में लेबर इकनॉमिस्ट Julia Pollak ने कहा कि हर घंटे 15 डॉलर ऑफर वाले जॉब पोस्टिंग्स की संख्या 2019 के बाद से दोगुना हो गई है। कई लोगों को इसका फायदा हुआ है। उनमें Maggie Himmel भी शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल Milwaukee में फ्लावर शॉप Flowers for Dreams में 12.50 डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से नौकरी जॉइन की थी। जनवरी में कंपनी ने न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 15 डॉलर प्रति घंटे कर दिया। इससे पहले वह Michigan के Kalamazoo में वह एक फ्लावर शॉप में 11 डॉलर प्रति घंटे के वेतन पर काम करती थी।इस साल एक लाख लोगों को भर्ती करेगी कॉग्निजेंट, जून तिमाही में आय 42% बढ़ीबाजार की ताकतों का कमालFlowers for Dreams के ऑनर Steven Dyme ने कहा कि इससे उनके लिए स्टाफ बढ़ाना आसान हो गया। इकॉनमी के खुलने से फूलों की मांग खासकर शादियों के लिए बढ़ गई है। उनकी कंपनी की चार दुकानें हैं और उनमें 80 फुल और पार्टटाइम वर्कर्स हैं। Snagajob के सीईओ Mathieu Stevenson ने कहा कि हर घंटे 15 डॉलर की बहस का समाधान मार्केट फोर्सेज के जरिए हो रहा है।