नई दिल्लीजुलाई 2021 से DA और DR बढ़ने का इंतजार कर रहे केंद्र सरकार के 52 लाख कर्मचारियों और 62 लाख पेंशनर्स के लिए शनिवार का दिन खास था। इस बारे में शनिवार को एक खास बैठक हुई है जिसका एजेंडा डीए और डीआर के एरियर का जल्द से जल्द भुगतान है। DA/DR की इस बैठक में मौजूद नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मैन (NFIR) ने कुछ जानकारी दी है। एनएफआईआर (NFIR) ने कहा है कि कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा की अध्यक्षता में नेशनल काउंसिल जेसीएम की 48वीं मीटिंग में कई बातों पर चर्चा की गई है।यह भी पढ़ें: जुलाई से DA मिलने वाली सोशल मीडिया की चिट्ठी आपके पास भी पहुंची, जानिए क्या है हकीकतनाईट ड्यूटी अलाउंस देने की मांग एनएफआईआर (NFIR) के प्रेसिडेंट गुमान सिंह ने इस बैठक में कहा कि सरकार से इस बात पर भी चर्चा की गई की नाइट ड्यूटी करने वाले केंद्र सरकार के स्टाफ को अलाउंस (NDA) मिलना चाहिए। लगातार नाइट ड्यूटी करने वाले स्टाफ को सुरक्षा और कामकाज के लिहाज से भी सहूलियत मिलनी चाहिए। इससे पहले जगन्नाथदास पे कमीशन ने नाइट ड्यूटी एलाउंस (NDA) की घोषणा की थी जिसे भारत सरकार ने मान लिया था। इसके साथ ही गुजरात हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में बनी एक समिति ने भी नाइट ड्यूटी एलाउंस (NDA) हर तरह के रेलवे एम्पलाई के लिए देने की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि नाइट ड्यूटी एलाउंस के लिए वेतन आदि की कोई सीमा तय नहीं की गई थी। लीडर जेसीएम (स्टाफ साइड) ने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने नाइट ड्यूटी एलाउंस (NDA) पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।वेतन की सीमा से परे हो नाईट ड्यूटी अलाउंस गुमान सिंह ने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने नाइट ड्यूटी एलाउंस (NDA) देने के लिए वेतन संबंधी कोई सीमा तय नहीं की है। उन्होंने कहा कि अब ₹2400 के ग्रेड पे वाले रेलवे एंप्लोई भी नाइट ड्यूटी एलाउंस (NDA) के दायरे से बाहर हो गए हैं। गुमान सिंह ने कहा कि इस बारे में भारतीय रेल के स्टाफ में गुस्सा है और इस बात को भांपते हुए रेल मंत्रालय ने इस मसले को डीओपीटी के पास भेज दिया है। इससे रेलवे मंत्रालय इंप्लाइज फेडरेशन के साथ बातचीत कर इस बारे में फैसला ले सकेगा। गुमान सिंह ने कैबिनेट सेक्रेटरी से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाए और नाइट ड्यूटी एलाउंस (NDA) हर कैटेगरी के स्टाफ के लिए लागू किया जाए। इसमें वेतन आदि की कोई सीमा नहीं रखी जानी चाहिए।किलोमीटरेज एलाउंस के 70 फीसदी पर टैक्स नहीं नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मैन (NFIR) ने 26 जून को हुई नेशनल काउंसिल जेसीएम की 48वीं मीटिंग में यह मांग भी रखी कि इंडियन रेलवे के रनिंग स्टाफ को किलोमीटर अलाउंस के रूप में मिलने वाली रकम का 70 फ़ीसदी इनकम टैक्स से मुक्त था, इसे दोबारा बहाल किया जाना चाहिए। कैबिनेट सेक्रेटरी से नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मैन (NFIR) के प्रेसिडेंट गुमान सिंह ने कहा कि ट्रेन चलाने वाले स्टाफ को मिलने वाला किलोमीटरेज एलाउंस (kilometrage allowance) 70 फ़ीसदी तक इनकम टैक्स की कैटेगरी से बाहर था। अब किलोमीटरेज एलाउंस (kilometrage allowance) के रूप में मिलने वाली रकम पर इनकम टैक्स की गणना की जाती है। रेल मंत्रालय ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) को इस बारे में एक प्रस्ताव भेजा था जो पांच साल से अब तक लंबित पड़ा हुआ है। उन्होंने कैबिनेट सेक्रेटरी से अनुरोध किया कि किलोमीटरेज एलाउंस (kilometrage allowance) के 70% रकम को इनकम टैक्स से मुक्त किया जाए।कोरोना संकट की वजह से रोका गया था DA/DR कोरोना की वजह से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्त पर रोक लगाई गई थी। तीनों किस्त मिलने के बाद कुल डीए बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा जिसमें 1 जनवरी 2020 से फीसदी, 1 जुलाई 2020 से 4 फीसदी और 1 जनवरी 2021 से 4 फीसदी बढ़ोतरी शामिल है। इससे 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 62लाख पेंशनर्स को फायदा हो सकता है।यह भी पढ़ें: जुलाई से DA/DR मिलने वाली मीटिंग में क्या रहा खास, NFIR के हवाले से जानिए MRF के शेयरों ने एक लाख के निवेश को बना दिया है सवा करोड़ रुपये