नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra and Mahindra) बैंकिंग सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। ऑटो के अलावा कंपनी का बिजनस टेक्नोलॉजी सर्विसेज और नॉन-बैंक लेंडिंग में भी फैला है। लेकिन महिंद्रा ग्रुप अब फॉर्मल बैंकिंग सेक्टर में भी उतरने जा रहा है। ग्रुप ने प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक (RBL Bank) में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। ग्रुप ने बुधवार को कहा कि उसकी पहले से ही इस बैंक में 3.5 फीसदी हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी उसने सेकंडरी मार्केट ट्रांजैक्शंस के जरिए खरीदी थी।डील पूरी होने के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा की इनवेस्टमेंट फंड मैपल (Maple) के साथ आरबीएल बैंक में सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी। आरबीआई बड़ी कंपनियों के बैंक चलाने के पक्ष में नहीं रहा है। हाल में आरबीआई के एक इंटरनल वर्किंग ग्रुप ने बड़ी कंपनियों को बैंक चलाने की अनुमति देने की सलाह दी थी। लेकिन भारी विरोध के चलते आरबीआई ने इस प्रस्ताव को छोड़ दिया था। महिंद्रा ग्रुप के पास पहले से ही एक एनबीएफसी महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज है। महिंद्रा ग्रुप ने कहा कि उसने आरबीएल में 3.53 फीसदी हिस्सेदारी 417 करोड़ रुपये में खरीदी है।जब आनंद महिंद्रा को सताने लगा अपनी ही कंपनी से निकाले जाने का डर, एक कार ने बदल दी किस्मतबैंक ने क्या कहाग्रुप ने कहा कि वह आरबीएल में और निवेश कर सकता है लेकिन यह कीमत, रेगुलेटरी अप्रूवल्स और जरूरी प्रॉसीजर्स पर निर्भर करेगा। हालांकि किसी भी हालत में यह हिस्सेदारी 9.9 परसेंट से ज्यादा नहीं होगी। इससे पहले मीडिया में खबर आई थी कि महिंद्रा ग्रुप आरबीएल बैंक ने 15 फीसदी से ज्यादा स्ट्रैटजिक स्टेक ले सकता है। लेकिन बैंक ने इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि महिंद्रा की हिस्सेदारी केवल 3.53 परसेंट है। बैंक ने साथ ही कहा है कि आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक अगर कोई शेयरहोल्डर किसी बैंक में पांच परसेंट या उससे ज्यादा हिस्सेदारी खरीदता है तो उसके लिए उसे बैंकिंग रेगुलेटर से अनुमति लेनी होती है।