नई दिल्ली: ब्राइटकॉम समूह की मुश्किल बढ़ती जा रही है। शनिवार को कंपनी के सीईओ, सीएफओ के घरों पर ईडी ने छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में नकदी , जेवरात आदि मिले है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कहा कि उसने ब्राइटकॉम समूह से जुड़े विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में हैदराबाद में पांच स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें 3.30 करोड़ नकद के साथ-साथ 9.30 करोड़ रुपये के सोने और अन्य आभूषण बरामद हुये हैं।तलाशी अभियान ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड के कार्यालयों, कंपनी के सीईओ एम. सुरेश रेड्डी और सीएफओ एस.एल.एन. राजू के आवास, और कंपनी के ऑडिटर पी. मुरली मोहना राव के घर और कार्यालय में चलाया गया। इस दौरान, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण भी बरामद किए गए।राव के आवास से बेहिसाब नकदी, सोने के आभूषण और सर्राफा जब्त किए गए। ईडी ने विदेश में अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से ब्राइटकॉम समूह द्वारा 868.30 करोड़ रुपये की संपत्ति की हानि के संबंध में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा की जा रही जांच के आधार पर फेमा जांच शुरू की।ईडी की पूछताछ में ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड द्वारा फेमा के प्रावधानों के कई उल्लंघनों का खुलासा हुआ। यह पता चला कि ब्राइटकॉम ने स्वयं सहायक कंपनियों और कई संस्थाओं के माध्यम से राउंड-ट्रिपिंग फंड द्वारा हेराफेरी की है। उसने सेबी को ‘जाली और मनगढ़ंत बैंक विवरण’ प्रदान करके तरजीही शेयरों के लिए पूरा भुगतान प्राप्त करने का झूठा दावा किया।ईडी ने कहा, “सहायक कंपनियों को दिए गए ऋण के रूप में तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक की रकम आंशिक रूप से निकाल ली गई या उसका कोई हिसाब-किताब नहीं रखा गया। वैधानिक लेखा परीक्षक पी मुरली एंड कंपनी और पीसीएन एंड एसोसिएट्स (पी मुरली एंड कंपनी की संबंधित इकाई), स्पष्ट रूप से कंपनी के प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने में विफल रहे।