नई दिल्ली: एक अप्रैल से एंटीबायोटिक, एंटीइन्फेक्टिव, पेनकिलर और डायबिटीज की दवाइयां महंगी हो गई हैं। इस बार जरूरी दवाइयों के दाम बढ़ गए हैं। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इस बार शेड्यूल्ड दवाओं के दाम नॉन-शेड्यूल्ड दवाओं की तुलना में ज्यादा बढ़े हैं। दवाइयों की बढ़ती कीमतों का असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ा है। आम आदमी जो महंगाई से पहले से ही परेशान है, अब दवाइयों के बढ़ते दाम से उसका बजट और बिगड़ जाएगा। लोगों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा दवाइयों को खरीदने में ही निकल जाता है। अगर आप भी दवाइयों के बढ़ रही कीमतों से परेशान हैं तो चिंता न करें। कई ऐसी जगहें हैं जहां से आप कम कीमतों में दवाइयां खरीद सकते हैं। इससे आपकी पॉकिट पर बोझ भी नहीं पड़ेगा। बता दें कि दवाओं की कीमतों में इजाफा करने और दाम घटाने का काम नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी यानी एनपीपीए करती है। हर साल होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर एनपीपीए दवाइयों की कीमतों में बदलाव करती है।दवाओं पर भी महंगाई की मार, लोगों का दावा- एक साल में 20 फीसदी तक बढ़े दामयहां से खरीद सकते हैं सस्ती दवाएंअगर आप कम कीमतों पर दवाइयां खरीदना चाहते हैं तो खरीद सकते हैं। दरअसल लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने छोटे-बड़े सभी शहरों में जन औषधि केंद्र खोले हैं। आप इन जगहों से सस्ते दाम में जेनरिक दवाइयां खरीद सकते हैं। वहीं ऑनलाइन भी कई वेबसाइट हैं जो डिस्काउंट पर दवाइयां देती हैं। आप इन वेबसाइट से ऑनलाइन भी दवाइयां खरीद सकते हैं। सरकारी अस्पताल, चिकित्सा केंद्र और डिस्पेंसरी में भी कम कीमत पर दवाइयां मिलती हैं। कई मेडिकल स्टोरी भी 15 से 20 फीसदी छूट पर दवाइयां देते हैं। आप यहां से भी कम कीमत पर दवाइयां खरीद सकते हैं।गाजियाबादः आयुर्वेद अस्पतालों में खत्म हुईं जरूरी दवाएं, मरीज़ हो रहे परेशानक्या होती हैं जेनरिक दवाएंबता दें कि जेनेरिक दवाएं वह होती हैं जिनका कोई ब्रांड नेम नहीं होता है। यह दवाएं अपने सॉल्ट के नाम से ही बाजार में बेची जाती हैं। दरअसल इन दवाइयों का पैकेजिंग से लेकर बाजार में आने तक कोई प्रचार नहीं होता है। हालांकि ये दवाएं ठीक ब्रांडेड दवाओं जैसा ही काम करती हैं। देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें इनके बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे लोग मेडिकल स्टोर से महंगी दवाइयां खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। बता दें कि जेनेरिक दवाओं की कीमतों को सरकार की ओर से तय किया जाता है। जेनेरिक दवाएं कम दाम में मिलती हैं, लेकिन इनकी क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया जाता है। आप प्ले स्टोर से जन औषधि सुगम (Jan Aushadhi Sugam) के नाम से ऐप को भी डाउनलोड कर सकते हैं। इससे आप अपने शहर में खोले गए जन औषधि केंद्रों की लोकेशन का पता लगा सकते हैं।