हाइलाइट्सआपने कोडिंग क्लास के बारे में जरूर सुना होगाजैसे जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और स्मार्टफोन का विस्तार होते जा रहा है, कोडिंग भी आम होते जा रहा हैअब तो बच्चे भी कोडिंग सीख रहे हैंनई दिल्ली: आपने कोडिंग क्लास (Coding Class) के बारे में जरूर सुना होगा। जैसे जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और स्मार्टफोन का विस्तार होते जा रहा है, कोडिंग भी आम होते जा रहा है। अब तो बच्चे भी कोडिंग सीख रहे हैं। जी हां, अब दिल्ली के चुनिंदा सरकारी स्कूल के बच्चे फ्री में कोडिंग सीखेंगे। इसके लिए ऐडटेक स्टार्टअप कैम्प के12 Camp K12 ने दिल्ली सरकार से समझौता किया है।किन स्कूलों के लिए हुआ है समझौताCamp K12 से मिली जानकारी के अनुसार इस समझौते के तहत ‘स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज़्ड एक्सीलेन्स (SOSE)’ में कोडिंग की क्लास शुरू होगी। इसके लिए स्टार्टअप और दिल्ली सरकार के बीच एक समझौता हो चुका है। Camp K12 के मुताबिक स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज़्ड एक्सीलेन्स, छात्रों को उनकी क्षमता पहचानने में मदद करेगा और इसे बढ़ावा देकर उन्हें विशेष डोमेन में अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। क्या है एसओएसईदिल्ली सरकार का स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज़्ड एक्सीलेन्स, 21वीं सदी के आधुनिक कौशल के तहत छात्रों को ऐसी शिक्षा प्रदान करता है ताकि उनमें तेज़ी से बदलती 21वीं सदी के अनुसार कौशल एवं उद्यमिता का विकास हो सके। विश्वस्तर पर प्रतिष्ठित विशेषज्ञ संस्थान जैसे कैम्प के12 के साथ साझेदारी, स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज़्ड एक्सीलेन्स में उच्च गुणवत्ता की विशेषज्ञ शिक्षा को सुनिश्चित करेगी। छात्रों को भी उनकी रूचि के विषयों में प्रोजेक्ट्स, फील्ड विज़िट, इंटर्नशिप आदि के माध्यम से व्यवहारिक लर्निंग पाने का अवसर मिलेगा।क्या सीखेंगे बच्चेसाझेदारी के तहत, कैम्प के12 कोडिंग पाठ्यक्रम तैयार करदिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे फ्री में सीखेंगे कोडिंगरहा है और ऐसे लोग (रिसोर्स पर्सन) उपलब्ध करा रहा है जो स्कूलों इस पाठ्यक्रम को लागू करेंगे। इसके अलावा कैम्प के12 स्कूलों को व्यापक तकनीकी समाधान भी उपलब्ध कराएगा, जिससे छात्रों के लिए आधुनिक तकनीकें सुलभ होंगी और लर्निंग उनके लिए रोचक बन जाएगी। यह एक ऐसे असेसमेन्ट इंजन की तरह काम करेगा जिसके माध्यम से छात्रों की प्रगति का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जा सकेगा और साथ ही कोडिंग गेम इंजन लर्निंग को रोचक बनाने और क्लासरूम के दायरे से बाहर ले जाने में मददगार होगा। छात्रों को कोडिंग हैकाथॉन्स एवं इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने, अपने समुदायों की समस्याओं को हल करने के लिए वास्तविक दुनिया के प्रोजेक्ट बनाने का अवसर मिलेगा। साथ ही वे सिलिकॉन वैली और भारत के ओद्यौगिक विशेषज्ञों के साथ नियमित रूप से बातचीत भी कर सकेंगे। coding क्या हैCoding को प्रोग्रामिंग के रूप में भी जाना जाता है। कंप्यूटर पर हम जो कुछ भी करते हैं वो सारा काम इसी के जरिए किया जाता है। Coding के जरिए ही कंप्यूटर को बताया जाता है कि उसे क्या करना है। यानी कंप्यूटर को जिस भाषा को समझता है उसे कोडिंग कहा जाता है। अगर आपको कोडिंग लैंग्वेज आती है तो आप बड़ी आसानी से वेबसाइट्स या ऐप बना सकते हैं। इसके अलावा भी कई सारी चीजें कोडिंग लैंग्वेज से की जा सकती हैं, जैसे Artificial intelligence और रोबोटिक्स।