नई दिल्ली: कुछ दिन पहले तक चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर वर्ल्ड पावर बनने के फिराक में था। वैश्विक स्तर पर चीन अपनी पकड़ को मजबूत करने में लगा था, लेकिन कुछ ही महीनों में बाजी पलट गई। आज चीन की अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं । चीन की जीडीपी सुस्त पड़ी है, रियल एस्टेट ध्वस्त होते जा रहे हैं। कंपनियों पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। बेरोजगारी चरम पर पहुंच रही है। विदेशी कंपनियां चीन से अपना बोरिया बिस्तर समेट रही है। दुनिया की फैक्ट्री कहलाने वाला चीन बूढ़ा होता जा रहा है। चीन का अटूट इंजन खराब हो रहा है, जिससे चीन में अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरनाक जोखिम पैदा हो रहा है। चीन और अमेरिका की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। चीन में गिरती अर्थव्यवस्था ने अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है।